सप्तकोसीय परिक्रमा में बनने लगी मानव श्रृंखला
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गिर्राज धरण व राधे-राधे के जयघोष से बही भक्ति रस की धारा
गोवर्धन। जोश, उत्साह और भक्ति से लबरेज श्रद्धालुओं का रुख गोवर्धन की तरफ मुड़ा तो समूची तलहटी भक्तिरस से सराबोर हो गई। चारों दिशाओं से मानव सैलाब तलहटी की ओर था। बुधवार रात से गुरूवार सायं तक लाखों लोगों ने सप्त कोसीय परिक्रमा लगायी।
मिनी कुंभ के नाम से प्रसिद्ध मुड़िया मेला ने अपने नाम को सार्थक करते हुये मिनी भारत की तस्वीर पेश की। बुधवार रात को सात बजे के बाद भीड़ बढ़ना शुरू हुई तो देर रात तक पूरे परिक्रमा मार्ग में मानव श्रंखला सी नजर आने लगी। तीव्र गर्मी का मौसम भी उनकी आस्था को डिगा नहीं पाया। सप्तकोसीय परिक्रमा के दौरान तीस घंटों तक कहीं भी यह सघन मानव श्रृंखला नहीं टूटी। गर्मी की प्रचंडता और उमस भरा वातावरण भी भक्तों की श्रद्धा को नहीं डिगा सका। विदेशी भक्त भी आस्था के सागर में डुबकी लगाने में पीछे नहीं रहे। गुरूवार को पूरे दिन परिक्रमार्थियों के आने का सिलसिला रहा, पूरी तलहटी भक्तों से अट गई। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हर किसी में उत्साह था। कहीं महिलाओं की टोलियां भजन गाते हुए जा रही थीं तो कहीं युवा थिरकते हुए गुजर रहे थे। गोवर्धन में पहुंचने वाले रोडवेज की बसें भी छतों तक भरी रहीं। दूर दराज से आने वाले भक्त जैसे ही रोडवेज की बसों से उतरते जयकारे गूंजने लगते।
सात कोस की परिक्रमा लगवाने के लिए कोई अपनी बुजुर्ग मां को लेकर आया तो कोई दादा दादी को। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, जम्मू, बिहार और झारखंड तक से लोग पहुंचे थे। परिक्रमा पूर्ण करने के बाद शायद ही कोई ऐसा श्रद्धालु होगा जो मानसीगंगा में स्नान नहीं करना चाहता, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से मानसीगंगा को चारों तरफ से बेरीकेडिंग और जाली लगाकर बंद कर दिया गया। फब्बारों से नहाने वालों की लंबी लाइन लगी रही।
Updated : 6 July 2017 12:00 AM GMT
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