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घाटी का मुस्लिम युवा क्यूँ अपना रहा आतंक का रास्ता ?

घाटी का मुस्लिम युवा क्यूँ अपना रहा आतंक का रास्ता ?
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में मुस्लिम युवा भटक कर आतंक का रास्ता अपना रहे है। राज्य में बढ़ती आतंकी घटनाओं और उनकों बचाने के लिए पुलिस और सेना पर पत्थरबाजी की घटनओं में भी इजाफा हुआ है। खबरों की माने तो पिछले छह माह में लगभग 50 से अधिक युवाओं ने हथियार उठाए यानी आतंक का रास्ता अपनाया है।

आपको बता दें कि 2017 में आतंकवादी बनने वाले मुस्लिम युवाओं की संख्या को मिलाकर पिछले चार सालों में 257 युवक आतंकी बन चुके हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन नयी भर्तियों में से अधिकांश दक्षिण कश्मीर में पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों के हैं जो तकनीक प्रेमी और युवा आतंकवादियों का गढ़ बन गया है।

पुलिस अधिकारी ने बताया, 2017 में घाटी में कुल 50 कश्मीरी युवक आतंकवाद से जुड़े है। आतंकवाद में युवाओं की बढ़ती संख्या सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता की बात है जो कश्मीर में बिगड़ती हुयी स्थिति को दशार्ती है।

अधिकारी ने बताया कि 2016 में 88 कश्मीरी युवक आतंकवाद से जुड़ गए जो पिछले छह महीनों में सबसे अधिक है। 2014 से आतंकवाद में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में लगातार वद्धि हुई है। सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि 2015 में कश्मीर में 66 युवक जबकि 2014 में 53 युवक आतंकवाद से जुड़े।

Updated : 6 July 2017 12:00 AM GMT
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