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फिजूलखर्ची से विवि का सत्यानाश हो जाएगा, वित्त नियंत्रक ने उठाए सवाल

फिजूलखर्ची से विवि का सत्यानाश हो जाएगा, वित्त नियंत्रक ने उठाए सवाल
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गुस्साए कुलसचिव बैठक के बीच में ही जाने लगे अधिकारियों ने रोका

ग्वालियर। विवि की 200 करोड़ की एफडीआर देखकर आप लोग अनाप-शनाप खर्च कर रहे हैं, अगर इस तरह से विवि में फिजूलखर्ची होती रही तो एक दिन विश्वविद्यालय का सत्यानाश हो जाएगा। आज विवि की स्थिति यह हो चुकी है कि कुलसचिव के नियंत्रण में एक भी विभाग नहीं चल रहा है और वे अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यह बात जीवाजी विवि में शुक्रवार को विवि के कुलाधिसचिव प्रो. आर.जे. राव की अध्यक्षता में आयोजित हुई टीएल बैठक में विवि के वित्त नियंत्रक महक सिंह ने बैठक में कही। जिस पर कुलसचिव बैठक छोड़ कर जाने लगे, लेकिन बैठक में बैठे अन्य अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। बैठक शुरू होते ही वित्त नियंत्रक ने खर्चों पर सवाल करते हुए कहा कि आज विवि की एफडीआर 200 करोड़ हो गई, लेकिन उसके बाद भी पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। अगर फिजूलखर्ची पर अंकुश नहीं लगाया गया तो एक दिन विश्वविद्यालय का सत्यानाश होना तय है।

यहां तक कि वित्त नियंत्रक ने कुलसचिव पर सवाल खडेÞ करते हुए कहा कि कुलसचिव का विभागों पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण यह हालात और भी खराब होते जा रहे हैं। वित्त नियंत्रक की बातों पर कुलसचिव प्रो. आनन्द मिश्रा बैठक को बीच में ही छोड़ कर जाने लगे। लेकिन अन्य अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद वित्त नियंत्रक ने कहा कि विवि में बिजली का दुरूपयोग बहुत ज्यादा हो रहा है, विवि ने कम वाट की लाइट पर एक करोड़ रूपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन उसके बाद भी बिजली का लोड कम होने की जगह लोड 11 किलो वाट से बढ़कर 24 किलो वाट हो गया है। इसके साथ ही फिजूलखर्ची के अन्य विषयों पर चर्चा हुई और सुझाव भी दिए गए।

रात में वॉकिंग ट्रेक लाइट बंद रखने का दिया सुझाव

बैठक में वित्त नियंत्रक ने कहा कि बिजली की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि रात 8.30 बजे के बाद वॉकिंग ट्रेक की लाइट
बंद होनी चाहिए, साथ ही विवि के विभागों में आवश्यकता के हिसाब से ही बिजली का उपयोग किया जाना चाहिए।

Updated : 8 July 2017 12:00 AM GMT
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