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गौशाला में एक माह में 453 गायों की मौत

गौशाला में एक माह में 453 गायों की मौत
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-नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही से काल के गाल में समा गईं गौमाता

लाल टिपारा स्थित गौशाला में मृत पड़ी गायें, दूसरे चित्र में जर्जर हालत में टीन शैड।

ग्वालियर। उपनगर मुरार के लालटिपारा स्थित गौशाला में गायों की देख रेख पर करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी गौशाला में गायों की मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर निगम अधिकारियों की कृपा से गौशाला में पिछले एक माह में 453 गायों की मौत होने के चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। प्रदेश की सबसे बड़ी आदर्श गौशाला कही जाने वाली लालटिपारा स्थित गौशाला की देखरेख करने में जुटे साधु संत जहां गायों की सेवा में दिनरात एक कर रहे हैं, वहीं नगर निगम अधिकारियों तथा कर्मचारियों की अनदेखी के चलते गौशाला की हालत दयनीय होती जा रही है। गौशाला में अपनी गलती पर पर्दा डालने के चक्कर में निगम कर्मचारियों ने बाड़े में 6 हजार गायों को भर दिया। जहां गाय बैठना तो दूर ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थीं। जिससे कुछ गायों की स्थिति ज्यादा खराब हो गई।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम का लाल टिपारा में बूचड़खाना था जिसको परिवर्तित करके गौशाला बना दिया गया। वर्तमान में यहां 6 हजार गाय रखी गई हैं जबकि यहां केवल 2000 गायों को रखने की ही जगह है। ऐसे में बीमार गाय तो यहां पहुंचते ही दम तोड़ देती हैं।

जर्जर हालत में खड़े शैड टूटकर गिर रहे हैं

जब से तत्कालीन निगमायुक्त अनय द्विवेदी यहां से गए हैं, तब से गौशाला की हालत दयनीय होती जा रही है। वहीं वर्तमान निगमायुक्त सिर्फ बैठकों में ही अधिकारियों को आदेश देने में लगे हुए हैं। निगम में प्रशासनिक फेरबदल के होते ही निरकुंश हुए ठेकेदारों व अधिकारियों द्वारा लगभग 1.5 करोड़ की राशि से टीन शैड,गायों को कीचड़ से मुक्ति दिलाने के लिए फर्शीकरण कराने व अन्य राशि से मौके पर शेडों में खनौटे, पानी की पाइप लाइन बिछाने, पानी की टंकी से पानी का काम रोक दिया गया है। मौके पर हालत यह हो गई है कि अब जर्जर हालात में खड़े शैड टूटकर गिर रहे हैं । जिसके चलते गायों की मौत हो रही है।

साधु -संत भी कर चुके हैं निगमायुक्त से शिकायत

बीते दिनों जब निगमायुक्त विनोद शर्मा गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे थे, तब गौशाला की देखरेख करने वाले साधु -संतो ने निगमायुक्त को बताया था कि यहां पर अधिकारी आते तो हैं, लेकिन ठेकेदारों से कोई कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। जिस पर निगमायुक्त ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि जो भी कार्य होंगे उसमें साधु- संतों की राय जरूर लें। लेकिन उसके बाद भी नोडल अधिकारी एपीएस जादौन सहित अन्य अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।

बीमार गायों का ब्लॉक सबसे ज्यादा खराब

गौशाला में सबसे ज्यादा बीमार गायों की हालत खराब है। साथ ही टीन शैड न होने के चलते वहां पर गाय दलदल में खड़ी हुई हैं। लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी काम न करने की बजाय सिर्फ वहां पर घूम रहे हैं।

क्या हैं मानक

-एक गाय के लिए 30 वर्गफीट जगह की जरूरत होती है।
-निगम में 2000 गायों को रखने का स्थान है।
-वर्तमान में 6 हजार गाय गौशाला में रखी गई हैं।
-गायों को रखने के लिए कई ब्लॉक बनाए गए हैं, लेकिन सभी ब्लॉकों की हालत दयनीय है।

इनका कहना है

संख्या के हिसाब से गायों की संख्या अधिक है। बीते दिनों मैने जिलाधीश राहुल जैन के साथ गौशाला का भी निरीक्षण किया था, जिसमें जगह की कमी सामने आई थी। जगह के लिए कई बार चर्चा हो चुकी है, लेकिन अभी जगह चिन्हित नहीं हो पाई है। अव्यवस्थाओं को लेकर मैं अधिकारियों से चर्चा करूंगा।

विनोद शर्मा
निगमायुक्त ग्वालियर

Updated : 11 Aug 2017 12:00 AM GMT
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