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ब्रज के विकास को ऊर्जा देंगे शैलजाकांत

ब्रज के विकास को ऊर्जा देंगे शैलजाकांत
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* ब्रजवासियों के दिलों में आज भी जिंदा है उनके सेवाकाल की स्वर्णिम यादें
* आंखों में पल रहा विश्वस्तरीय गौशाला का सपना
* देश के तेजतर्रार प्रशासक और दयालु अफसरों में हैं शुमार
* योगी ने ब्रज के विकास का सौंपा है कार्यभार

मथुरा, निज प्रतिनिधि। देश के तेजतर्रार ईमानदार पुलिस अफसरों में शुमार रहे शैलजाकांत मिश्रा अब ब्रज के विकास को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे। लगभग ढाई दशक पूर्व अपने सेवाकाल में श्री मिश्रा ने मथुरा के लोगों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ी थी। गिरिराज जी की शरण में जाकर निरीह प्राणियों की सेवा करना, ब्रज के संतों के बीच पहुंचकर आध्यात्म के अलौकिक आनंद की अनुभूति करने की ललक इसी माटी में परवान चढ़ी थी। एक वर्दी वाले अफसर के सात्विक क्रियाकलापों के चलते ही उन्हें ब्रजवासियों ने वर्दी वाले बाबा की संज्ञा से नवाजा था।

आजमगढ़ के प्रतिष्ठित घराने से प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में आये शैलजाकांत मिश्रा की छवि एक ऐसे पुलिस अफसर की रही जिस पर हर समय कानून का जुनून रहता है। अपराधी कांपते थे और असहाय और गरीब लोग खुद को महफूज महसूस करते थे। घर में बड़े-बड़े राजनीतिक लोगों का आना जाना था लेकिन वो हमेशा सादगी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे।
ये उनके कार्य के प्रति निष्ठा और ईमानदारी का ही परिणाम रहा कि सरकार चाहे जिस राजनीतिक दल की रही हो उन्हें हमेशा अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। बसपा सरकार में शैलजाकांत कमेटी की रिपोर्ट आज भी लोगों के जेहन में है जिसमें उन्होंने अपने कैरियर की परवाह न करते हुए कई सफेदपोश दिग्गजों के चेहरों से नकाब उतार दिया।

बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा उनका सेवाकाल भी स्वर्णिम रहा। यहां के कई नामचीन बदमाशों को उन्होंने जेल की सलाखों के पीछे करके लोगों को उनके आतंक से मुक्ति दिलाई। दिन में एक तेज तर्रार पुलिस अफसर सांझ ढलते ही धर्म और आध्यात्म के सागर में उतर जाता। अपनी गाड़ी में निरीह प्राणियों के लिये फल, आहार लेकर गोवर्धन की गिरिराज तलहटी पहुंच जाते। गिरिराज जी परिक्रमा करते और गाय और बंदरों को अपने हाथ से भोजन कराते और संतों की संगति करते।

सेवाकाल पूरा होने से ठीक पहले शैलजाकांत सेवानिवृत्ति लेकर एकांतवास में ईश्वर की आराधना में लीन हो गये। इन पांच साल की अवधि में उन्होंने टीवी, अखबार, फोन और अपने करीबियों से भी खुद को अलग कर आध्यात्म की गहराइयों को छुआ और खुद को श्रेष्ठ योगी भी साबित किया। इधर सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ की आंखों में भी प्रदेश के तीर्थाे के विकास का सपना पल रहा है। इसी सपने को साकार करने के लिये मुख्यमंत्री को एक ऐसे अफसर की तलाश थी जो न केवल बेहतर प्रशासक हो बल्कि धर्म और आध्यात्म की गहरी समझ भी रखता हो। वो अपने इस सपने के पूरा होने में भ्रष्टाचार को भी कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थे। उनकी इस कसौटी पर रिटायर्ड आईपीएस शैलजाकांत मिश्रा ही खरे उतर सके। बात पूरे सूबे के तीर्थाे के विकास की आयी तो शैलजाकांत मिश्रा ने मुख्यमंत्री से बस ब्रज के विकास के लिये खुद को समर्पित करने की बात कही। बस फिर क्या था। एक बार फिर मथुरा को विकास के लिये एक ईमानदार, तेज तर्रार, ब्रज के मर्म को जानने और आध्यात्म की गहरी समझ रखने वाले अफसर के रूप में एक तोहफा मिल गया।

सच साबित हुई संतों की भविष्यवाणी

बात उनके सेवाकाल की है। शैलजाकांत यमुना पार देवरहा बाबा, गोवर्धन में संत गया प्रसाद, प्रभुदत्त ब्रह्मचारी के बेहद करीबी थे। वो अक्सर देवरहा बाबा के आश्रम में जाकर घंटों आध्यात्म का आनंद लेते थे। बाबा के आखिरी समय में वो उनके सबसे करीबी लोगों में से थे। उस दौरान बाबा और संतों ने उनसे कहा कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद एक बार फिर ब्रज की सेवा करने के लिये आना है। ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष बनने के साथ ही संतों की वाणी भी सच साबित हो गई।

अदम्य साहस के भी धनी हैं शैलजाकांत

आईपीएस शैलजा कांत मिश्रा ने लखनऊ में डीआईजी रहते हुये अदम्य साहस का परिचय देकर विमान अपहरणकर्ता को भी एयरपोर्ट पर दबोच कर यात्रियों की जान बचायी थी। उल्लेखनीय है कि शैलजाकांत मिश्रा के डीआईजी रहते विमान अपहरणकर्ता ने यात्रियों को बंधक बनाकर अपनी मांगें पूरी कराने के लिए हवाई जहाज को लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरवा लिया। उस समय श्री मिश्रा ने अपनी सूझबूझ व अदम्य साहस का परिचय देकर अपनी जान की परवाह किये बिना अकेले विमान में घुसकर आतंकी को दबोच लिया। आतंकी के कब्जे में आ जाने से विमान में सवार यात्रियों के चेहरे खिल उठे और वह उक्त बहादुर पुलिस अधिकारी के साहस के मुरीद हो गये। जांच के दौरान पता चला कि उक्त आतंकी रूमाल में लिपटी जिस वस्तु को बम बताकर चालक दल व यात्रियों को भयभीत कर रहा था, वह बम नहीं बल्कि बॉल थी।

Updated : 30 Aug 2017 12:00 AM GMT
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