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नौकरी मांगने नहीं, देने वाले बनें युवा

नौकरी मांगने नहीं, देने वाले बनें युवा
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देहरादून। बेरोजगारी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय स्वरोजगार है। युवा नौकरी मांगने के बजाय, नौकरियां देने वाले बनें। उद्यमों के माध्यम से युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार दे पाएंगे। यह कहना था मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का।

मंगलवार को डीआईटी विश्वविद्यालय में मुद्रा, स्टार्टअप, स्टैंड अप क्रेडिट गारंटी फंड, ट्रस्ट स्कीम और एमएसएमई पालिसी पर आयोजित जागरुकता पर सरकार, इंडस्ट्री एसोशिएसन एवं सिडबी के सौजन्य से आयोजित कार्यशाला के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री ने छात्रों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए उद्योगों का विकास करना जरूरी है। इसके लिए युवाओं का आगे आना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यमों के विकास की अपार संभावनाएं है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देने एवं स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों के इन्वेस्टर उत्तराखण्ड में निवेश में रुचि ले रहे हैं। जैविक उत्पादों पर कार्य करने की मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया एवं स्टार्टअप इण्डिया का उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास करना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्रों द्वारा लगाई गई तकनीकी उपकरणों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले काफी लोग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पलायन, आपदा एवं बेरोजगरी की समस्याओं के समाधान के लिए युवाओं को सोचना होगा। राज्य के विकास के लिए प्रतिभा पलायन को रोकना जरूरी है। इस मौके पर मसूरी विधायक गणेश जोशी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, चैयरमेन डीआईटी अनुज अग्रवाल, वाईस चांसलर (डीआईटी) केके रैना आदि मौजूद थे।

Updated : 8 Aug 2017 12:00 AM GMT
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