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2022 तक 40 लाख पर्यटकों को क्रूज पर्यटन की और आकर्षित करना है - नितिन गडकरी

2022 तक 40 लाख पर्यटकों को क्रूज पर्यटन की और आकर्षित करना है - नितिन गडकरी
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मुंबई। सरकार का इरादा पांच साल में 40 लाख पर्यटकों को क्रूज पर्यटन की तरफ आकर्षित करने का है। पिछलें साल यह आंकड़ा 1.80 लाख रहा है। केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज यह जानकारी दी। साथ ही समुद्री क्षेत्र में बड़े बड़े आलीशान जलपोतों में यात्रा करना क्रूज पर्यटन कहलाता है। हालांकि, क्रूज पर्यटन उद्योग भारत में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाए जाने को लेकर आशंकित है।

बता दें कि सडक परिवहन एवं नौवहन मंत्री ने यहां क्रूज पर्यटन पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यदि सही दिशा में कदम बढ़ाए जाएं तो भारत में पर्यटकों को लेकर आने वाले जहाजों की संख्या मौजूदा 158 से बढक़र सालाना 955 तक पहुंच सकती है। साथ ही गडकरी ने कहा कि जल-विहार के पर्यटकों की संख्या बढऩे से राजस्व लाभ 2022 तक 35,500 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। पिछले साल यह आंकड़ा 700 करोड़ रुपए था।

इस मौके पर कार्निवाल यूके के चेयरमैन डेविड डिंगल ने कराधान और बंदरगाह शुल्क जैसी कुछ चिंताओं को उठाया। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के मुकाबले यह शुल्क यहां 50 प्रतिशत तक अधिक हैं। यूके कार्निवाल दुनिया में क्रूज पर्यटन का 42 प्रतिशत हिस्सा नियंत्रित करता है।

डिंगल ने कहा, भारत में क्रूज पर्यटन से जुड़ी किसी भी गतिविधि पर कोई जीएसटी नहीं लगना चाहिए। यह केवल धन की बात नहीं है बल्कि सैद्धांतिक तौर पर क्रूज उद्योग को टिकट के दाम और यात्रा के दौरान क्रूज जहाज में होने वाली बिक्री पर जीएसटी लागू नहीं होना चाहिये। इस उद्योग में ऐसा नहीं हो सकता है।

यह समझने की बात है कि क्रूज उद्योग अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में संचालित होता है। इसमें खपत का स्थान महत्वपूर्ण है, जो कि गहरा समुद्री क्षेत्र है, इसलिए इस पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए।

गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस संबंध में जीएसटी पर विचार नहीं किया है लेकिन डिंगल को आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे को पर्यटन मंत्रालय के साथ साथ वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे।

गौरतलब है कि जहाजरानी मंत्रालय इस मुद्दे को पहले ही जीएसटी परिषद के समक्ष रख चुका है। जीएसटी परिषद जीएसटी के मामले में सबसे शीर्ष नीति निर्माता और निर्णय करने वाली संस्था है।

Updated : 9 Aug 2017 12:00 AM GMT
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