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भारत आने वाले समय में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा : एचएसबीसी

भारत आने वाले समय में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा : एचएसबीसी
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मुंबई। भारत आने वाले दस सालों में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा लेकिन इसके लिए उसे सतत सुधार तथा सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। ब्रिटेन की बैंक एचएसबीसी ने यह उम्मीद जतायी है कि भारत में सामाजिक पूंजी अपर्याप्त है और स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी चीजों पर खर्च न सिर्फ देश हित में है बल्कि आर्थिक वृद्धि और राजनीतिक स्थिरता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत को कारोबार आसान करने और इससे संबंधित पहलुओं पर भी काफी ध्यान देने की जरूरत है। जिससे ‘‘अगले दस साल में भारत डॉलर के सांकेतिक आधार पर जर्मनी और जापान को पछाड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। खरीद क्षमता के आधार पर भी यह और पहले हो जाएगा।’’ बैंक ने आबादी और वृहद स्थिरता को देश की मुख्य ताकत भी बताया। उसके अनुमान के मुताबिक, भारत 2028 तक सात हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह छह हजार अरब डॉलर के जर्मनी और पांच हजार अरब डॉलर के जापान की तुलना में अधिक होगा। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत 2300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था रहा है और भारत अभी विश्व में पांचवें स्थान पर है।

गौरतलब है कि एचएसबीसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि की दर माल एवं सेवा कर 'जीएसटी' के कारण वित्त वर्ष 2016-17 के 7.1 प्रतिशत की तुलना में नीचे पायदान पर रहेगा। इसमें अगले वर्ष से सतत तरीके से सुधार होता चला जाएगा। उसने सुधार की प्रक्रिया बंद होने को भी नुकसान का कारण बताया। उसने कहा, ‘‘सुधारों के दायरे में संकुचित हो जाने की आशंका है। भारत को लगातार बदलाव की पारिस्थितिकी तैयार करने की जरूरत है।’’ जीएसटी का जिक्र करते हुए बैंक ने कहा कि भारत में असंगठित उद्यम काफी संख्या में रोजगार के अवसर मुहैया कराते हैं। वे कर की ऊंची दर की प्रतिक्रिया में कारखाने बंद या लोगों की छंटनी भी कर सकते हैं। रोजगार के अवसरों के बिना वृद्धि की चिंताओं के प्रति बैंक ने कहा कि देश में ई-कॉमर्स सेक्टर अगले दशक तक 1.2 करोड़ अवसर मुहैया कराएगा जो कि कुल 2.4 करोड़ गिरावट का आधा होगा। उसने कहा कि रोजगार के अवसरों के सृजन का एक अन्य मुख्य क्षेत्र है वह सामाजिक क्षेत्र हो सकता है। जिससे स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे मोर्चों पर काफी काम किये जाने की जरूरत है।

एचएसबीसी बैंक ने ये भी बताया कि भारत सेवा क्षेत्र आधारित अर्थव्यवस्था बना रहेगा लेकिन इसे विनिर्माण और कृषि क्षेत्र पर भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उसने आगे कहा कि भारत की कहानी निर्यात आधारित चीन से अलग होगी। 55 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं का घरेलू उपभोग इसमें महत्वपूर्ण कारक होगा।

Updated : 17 Sep 2017 12:00 AM GMT
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