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मिशन 2019 : भाजपा के नए अध्यक्ष डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय चार सितम्बर को पहुंचेंगे लखनऊ

मिशन 2019 : भाजपा के नए अध्यक्ष डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय चार सितम्बर को पहुंचेंगे लखनऊ
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लखनऊ/हिन्दुस्थान समाचार। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नए प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय चार सितम्बर को लखनऊ पहुंचेंगे। वे करीब डेढ़ बजे अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। जहां बड़ी तादात में भाजपा नेता व कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि नए प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय सोमवार को लखनऊ पहुंचेंगे। उनके स्वागत के लिए पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं।

नए प्रदेश अध्यक्ष के आगमन को लेकर बीजेपी के प्रदेश कार्यालय भी स्वागत को तैयार है। प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष को रंग-रोगन व ठीक से साफ-सफाई व साज-सज्जा कराई जा रही है। पार्टी नेताओं द्वारा अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत में दो दिन पहले से ही अमौसी एयरपोर्ट से प्रदेश मुख्यालय के रास्ते में बैनर, होर्डिंग इत्यादि से सजाने की कवायद शुरू हो गई है।

डॉ पाण्डेय भी सोमवार को ही पदभार ग्रहण करेंगे

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2017 की चुनौती को पार करने के लिए बीजेपी ने कई नामों के कयासों के बाद केशव प्रसाद मौर्य को अध्यक्ष बनाया था। मौर्य अध्यक्ष बनने के बाद सोमवार को ही पदभार ग्रहण किये थे। उस दिन 11 अप्रैल था। इस बार मिशन-2019 की चुनौती को पार करने के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय भी सोमवार को लखनऊ पहुंचेंगे और अपना पदभार ग्रहण करेंगे। हालांकि वे केशव के तिथि के गुणांक यानि 04 सितम्बर को पदभार ग्रहण करेंगे। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा कि हमारे सभी दिन मंगलदायी है लेकिन बीजेपी के लिए सोमवार का दिन विशेष महत्व रखता है।

ओम माथुर भी रहेंगे मौजूद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में भाग लेने आए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व यूपी प्रभारी ओम माथुर भी चार की सुबह लखनऊ पहुंचेंगे। डा. महेन्द्रनाथ पाण्डेय पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की उपस्थिति में पदभार ग्रहण करेंगे। इस दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को भी उपस्थित रहने को कहा गया है। पूर्व अध्यक्षों में डॉ लक्ष्मीकान्त वाजपेयी, सूर्य प्रताप शाही, ओमप्रकाश सिंह, डॉ रमापतिराम त्रिपाठी को उपस्थित रहने को कहा गया है। इस मौके पर कई सांसद, विधायक तथा क्षेत्रीय व जिलाध्यक्ष भी नये प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत के लिए जुटेंगे।

डॉ महेन्द्र पाण्डेय की समक्ष चुनौतियां

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के सामने श्री मौर्य की तुलना में चुनौतियां कमत्तर नहीं अधिकत्तर हैं। केन्द्र व राज्य सरकार के साथ संगठन का समन्वय बनाना डॉ पाण्डेय के लिए बड़ी चुनौती है। यूपी में संगठनातमक विस्तार के साथ कार्यकर्ताओं के अपेक्षाओं को पूरा करना बड़ी चुनौती है। बीजेपी मोर्चो का आधा-अधूरा गठन भी पूरा करना होगा। यूपी में युवा मोर्चा का संगठनात्मक ढांचा बिखरा पड़ा है। स्वयंभू अध्यक्ष के भरोसे ही युवा मोर्चा चल रहा है।

डॉ पाण्डेय के सामने सबसे बड़ी चुनौती मिशन-2019 को पूरा करना होगा। इनकी पहली प्राथमिकता पिछली लोकसभा की 71 सीटों को बचाना होगा। इसके लिए उन्हें यूपी के मतदाताओं को मोदी व योगी सरकार के कामों से संतुष्ट कराना होगा। उन्हें सरकार की उपलब्धियों से परिचित कराना होगा। जो सरकार युवाओं के बल पर आज सत्ता में हैं, आज वहीं युवा मोदी-योदी सरकार के कामों से खफा है। सरकारी नौकरियों पर विराम सा लग गया है। सरकारी नौकरियों को लेकर युवाओं के मन में तीखा सवाल है। पाण्डेय को युवाओं के इन सवालों का भी सामना करना होगा।

नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती भरोसेमंद साथियों को तलाशने की है, जो उनका सहयोग करते हुए मिशन 2019 को सफलतापूर्वक पूरा कराए। हालांकि उसके पहले नगर निकाय व सहकारिता क्षेत्र के चुनावों में सफलता पाना उनकी प्राथमिकता होगी। लोकसभा चुनाव होने में करीब डेढ़ साल का ही समय है। इतने कम समय में जीत का रास्ता तैयार करना, कम चुनौती नहीं है। ऐसे में जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी के नए अध्यक्ष मोदी और उनकी टीम को सफलता का क्या उपहार दे पाते हैं।

Updated : 2 Sep 2017 12:00 AM GMT
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