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ग्वालियर-चम्बल में अब तक नहीं पहुंची 10.45 लाख घरों में बिजली

ग्वालियर-चम्बल में अब तक नहीं पहुंची 10.45 लाख घरों में बिजली
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-ग्वालियर जिले में बिजली से वंचित हैं लगभग 92 हजार परिवार
ग्वालियर। स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी प्रदेश भर में कई गांव और लाखों परिवार ऐसे हैं, जो रोशनी से वंचित हैं। केवल ग्वालियर-चम्बल संभाग के आठ जिलों की ही बात करें तो 10 लाख 44 हजार 770 घरों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। ग्वालियर जिले में भी वर्तमान समय में 91 हजार 936 घरों में बिजली के कनेक्शन नहीं है, जबकि राज्य शासन द्वारा शत प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चलाई गर्इं, लेकिन बिजली कम्पनी के अधिकारी इतने नकारा निकले कि वे शासन की इस मंशा को पूरा नहीं कर पाए। यही कारण है कि ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस मामले में बिजली कम्पनी पर अविश्वास जताते हुए जिला कलेक्टरों के मार्गदर्शन में बिजली सुविधा से वंचित घरों का रेंडम सर्वेक्षण कराया है।

ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने जिला कलेक्टरों को लिखे पत्र में यह निर्देश दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों के शत प्रतिशत घरों में विद्युतीकरण किया जाना है। इसके लिए निकट भविष्य में संपूर्ण प्रदेश में विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा। इससे पहले रेंडम सर्वेक्षण के लिए जिले के प्रत्येक विकासखंड में एक-एक ऐसी ग्राम पंचायत का चयन करें, जो दूरस्थ क्षेत्र में हो। उक्त ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों व मजरों-टोलों में रहने वाले लोगों की सूची समग्र पोर्टल डेटा बैंक से प्राप्त करें। इसके बाद सर्वेक्षण अधिकारी स्थल पर पहुंच कर जिन घरों में बिजली का उपयोग हो रहा है, उन्हें चिन्हित करें, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाना है कि उपयोग की जा रही बिजली का कनेक्शन वैध है या नहीं। केवल यह देखना है कि संबंधित द्वारा बिजली का उपयोग किया जा रहा है या नहीं। इसके अलावा जिन घरों में बिजली का उपयोग नहीं किया जा रहा है, उन्हें अलग से चिन्हित करना है। यदि समग्र पोर्टल डाटा बैंक से प्राप्त सूची के अतिरिक्त अन्य परिवार (घर) भी पाए जाते हैं तो उनकी सूची भी बनाई जाए और यह देखा जाए कि वह बिजली का उपयोग कर रहे हैं या नहीं। इस प्रकार जो परिवार बिजली का उपयोग कर रहे हैं और जिन्हें अभी तक बिजली की सुविधा प्राप्त नहीं हुई है दोनों की अलग-अलग जानकारी एकत्रित कर ऊर्जा मंत्रालय और बिजली कम्पनी के संबंधित अधीक्षण यंत्री को भेजी जाए। बताया गया है कि इस आदेश के पालन में ग्वालियर जिले में रेंडम सर्वेक्षण कराकर सर्वेक्षण रिपोर्ट ऊर्जा मंत्रालय को भेज दी गई है। निकट भविष्य में सभी गांवों एवं मजरों-टोटों का सर्वेक्षण कराया जाएगा।

इनका कहना है

यह एक रेंडम सर्वेक्षण था। इसकी रिपोर्ट 25 सितम्बर से पहले भेजी जाना थी। हमने सर्वेक्षण कराकर रिपोर्ट ऊर्जा मंत्रालय को भिजवा दी है।

राहुल जैन, जिलाधीश, ग्वालियर

Updated : 26 Sep 2017 12:00 AM GMT
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