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दिखावा एकता का, बयानों में गुत्थम गुत्था कांग्रेसी

दिखावा एकता का, बयानों में गुत्थम गुत्था कांग्रेसी
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मुंगावली। प्रदेश की सत्ता से 15 साल दूर रहने के बावजूद दिग्गज कांग्रेसी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हंै। जनता के सामने दिखावा भले ही वह एकता का करते आ रहे हों, किन्तु उनकी आपसी गुटबाजी और इसके चलते ही उपजी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी बनने की लालसा कम होती नहीं दिख रही है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के आसार इस बार भी फिलहाल दूर-दूर तक नहीं हैं किन्तु हर दिग्गज कांग्रेसी मुख्यमंत्री जरूर बनना चाहता है, यही कारण में एकता के तमाम दावे और दिखावे के बावजूद उनकी कलई खुल ही जाती है। ऐसा ही आज हुआ। यहां दिवंगत कांग्रेसी विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा की श्रद्धांजलि सभा के बहाने वरिष्ठ नेतृत्व के निर्देश पर दिग्गज कांग्रेसी एकता का प्रदर्शन करते हुए शक्ति प्रदर्शन के लिए जुटे थे। इस दौरान एकता का दावा और दिखावा भी किया गया, किन्तु बयानों में सब गुत्थम गुत्था नजर आए। श्रद्धाजंलि सभा के पहले जब प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव से पूछा गया कि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? उन्होंने कहा कि यह निर्णय वरिष्ठ नेतृत्व को करना है और उनका निर्णय सभी को मान्य होगा, वहीं सांसद एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा कि उम्मीदवार की घोषणा सबकी सहमति से होगी, फिलहाल सब काम कर रहे हैं। यही सवाल श्रद्धांजलि सभा के बाद जब सांसद कमलनाथ से किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवारी दी जाती है तो उनकी सहमति है, वहीं खुद कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस सवाल के जवाब में दोहराया कि सब एक हैं और सबकी सहमति सब में है। कांग्रेसियों के इस विरोधाभासी बयानों को लेकर कार्यक्रम के बाद से चर्चा गर्म है।

Updated : 29 Sep 2017 12:00 AM GMT
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