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सियासत से इतर है संघ की सेवा के रंग

सियासत से इतर है संघ की सेवा के रंग
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लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठकों के सियासी मायने निकालते हुए चटखारेदार चर्चा का दस्तूर वर्षों से चला आ रहा है। प्रख्यात कवि दुष्यंत कुमार की लिखी पंक्तियों ‘देखिए उस तरफ उजाला है, जिस तरफ रोशनी नहीं जाती’की तर्ज पर यह मीडिया का दस्तूर नकारात्मक है, जो संघ की हकीकत से कोसों दूर भी है। सच्चाई यह है कि संघ राष्ट्र व समाज के उत्थान के लिए अथक कार्य करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है और संघ की सेवा के रंग सियासत से इतर हैं।

संघ के एक वरिष्ठ नेता ने उचित प्रश्र उठाया। वह यह कि मीडिया को संघ को राजनीति से जोड़कर देखने का इतना नशा क्यों है? यह नशा ऐसा है, जिसका सच्चाई से वास्ता नहीं है। यह सच है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संघ की विचारधारा से जुड़ा है। लेकिन संघ विचार परिवार से जुड़े 35 संगठन हैं, जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। भाजपा इन संगठनों में से एक है और संघ के कार्यों का बेहद छोटा सा हिस्सा है। इसलिए संघ की बैठकों को भाजपा अथवा राजनीति तक सीमित करना अनुचित है। मीडिया संघ की बैठकों के राजनीतिक मायने जो पेश करता है, वह सही तस्वीर नहीं है। मीडिया को सकारात्मक अप्रोस अपनाकर संघ विचार परिवार से जुड़े संगठनों के कार्यों से समाज में हो रहे सकारात्मक व बदलाव दिखाकर राष्ट्र व समाज को मजबूत करने वाली प्रेरणा देनी चाहिए।

दरअसल, वृंदावन में संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक चल रही है जिसमें सरसंघचालक मोहन राव भागवत जी के साथ सरकार्यवाह भैया जी जोशी और सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संघ विचार परिवार से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने कार्यों की प्रगति और आगे की रणनीति के बारे में चर्चाएं कीं। लेकिन पूरी मीडिया का फोकस बैठक में शामिल होने गए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों व केंद्र सरकार के मंत्रियों, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य व दिनेश शर्मा, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों के इर्दगिर्द सिमटा रहा। तमाम तरह की खबरें, जो बनावटी थीं, उन्हें चलाया गया। जबकि इस बैठक का उद्देश्य और कार्यसूची ही वह नहीं थी, जो मीडिया दिखा-पढ़ा रहा है। बैठक में संघ विचार परिवार से जुड़े संगठनों ने अपने-अपने प्रकल्पों के माध्यम से समाज में हो रहे रचनात्मक परिवर्तन की दशा और दिशा पर वरिष्ठ पदाधिकारियों से मार्गदर्शन लिया। सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी जी ने कहा भी कि हमारे विचार परिवार से जुड़े संगठन समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। समन्वय बैठक में विश्व परिदृश्य, देश की वर्तमान स्थिति एवं अपने संगठन की सांगठनिक स्थिति का आंकलन करते हुए बृहद चर्चा की गई। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य जी ने बताया कि समन्वय बैठक में विचार परिवार से जुड़े संगठनों के प्रमुखों के साथ विमर्श हुआ, जिसमें वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और कार्य संचालन व संपादन को और बेहतर बनाने पर चर्चा हुई।

यही वास्तविकता भी है। इसलिए समन्वय बैठक में देश की सामाजिक व आर्थिक स्थिति, आंतरिक सुरक्षा व अन्य समसामयिक विषयों पर चर्चा होती है। राजनीतिक स्थिति पर चर्चा पूरी बैठक का बहुत छोटा सा हिस्सा होता है और यह राजनीतिक चर्चा राष्ट्रीय चिंताओं व हितों के संदर्भ में होती है। इसलिए संघ की समन्वय बैठक को राजनीतिक चश्मे से देखने की मीडिया की आदत पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

संघ के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि संघ पूरे देश में शिक्षा, सेवा, सुरक्षा, स्वावलंबन, आर्थिक व वैचारिक क्षेत्रों में कार्यरत है और समाज जीवन के हर स्तर पर सक्रिय है। संघ विचार परिवार से जुड़े संगठनों के माध्यम से देशभर में चल रहे प्रकल्पों से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। भाजपा राष्ट्रनिर्माण एवं देश की सुरक्षा, समृद्धि और समाज के कल्याण में उसी तरह योगदान दे रही है, जैसे कि संघ के अन्य विचार परिवार से जुड़े संगठन। चूंकि भाजपा संघ से जुड़ी है, इसलिए उसके प्रतिनिधि भी संघ की बैठकों व कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। लेकिन सिर्फ इस आधार पर संघ को राजनीतिक चश्मे से देखा जाना ठीक नहीं कहा जाएगा।


Updated : 3 Sep 2017 12:00 AM GMT
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