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कश्मीर में टूटी आतंक की कमर

कश्मीर में टूटी आतंक की कमर
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श्रीनगर।
दक्षिण कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही सेना की विक्टर फोर्स के जीओसी (जनरल आॅफिसर कमांडिंग) मेजर जनरल बीएस राजू ने कहा कि वादी में आतंकवाद की कमर टूट चुकी है। अब कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए किसी सियासी पहल का सही समय है।

उन्होंने कहा कि कश्मीरियों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि उन्हें जो कुछ मिल सकता है, वह भारतीय संविधान के दायरे में ही मिल सकता है। कश्मीर में पिछले वर्ष से ही दक्षिण कश्मीर आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है। एक साल के दौरान वादी में मारे गए लगभग 150 आतंकियों में आधे दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग व कुलगाम में ही मारे गए हैं।

अवंतीपोरा स्थित विक्टर फोर्स के जीओसी ने एक साक्षात्कार में दावा किया कि अब कश्मीर में विशेषकर दक्षिण कश्मीर में ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां आतंकियों या अलगाववादियों का प्रभाव नजर आता हो। आतंकी अब अपनी जान बचाने के लिए छिपते फिर रहे हैं। सेना इस समय आतंकी संगठनों में नई भर्ती रोकने पर विशेष ध्यान दे रही है। लोगों के साथ लगातार संवाद बढ़ाते हुए उन्हें यकीन दिलाया जा रहा है कि सेना यहां सिर्फ उनकी मदद के लिए है। इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में सेना द्वारा विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं। मेजर जनरल राजू ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकांश लोग इस मसले का हल चाहते हैं। आम कश्मीरी हिंसा के इस दुष्चक्र से निकलना चाहता है। आतंकवाद में कमी आई है, अधिकांश आतंकी कमांडर मारे जा चुके हैं। इस समय करीब 150 ही आतंकी सक्रिय होंगे और उनका भी मनोबल गिरा हुआ है। वह अब सेना को सीधा निशाना नहीं बना रहे हैं। लोगों में अपना डर बनाए रखने के लिए वह कई बार आम लोगों को मुखबिर बताकर उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को पुलिस या सेना के दम पर पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता है।

Updated : 30 Sep 2017 12:00 AM GMT
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