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शाह भी बदलेंगे कई पुराने चेहरे

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नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राज्यों को दिया जाएगा ज्यादा महत्व

नई दिल्ली/विशेष प्रतिनिधि। सरकार के बाद अब संगठन में व्यापक परिवर्तन किया जाएगा। नए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के साथ प्रमुख पदों से कई पुराने चेहरे बदले जाएंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी काफी सोचसमझ कर बनाई जाएगी, क्योंकि उसी के बल पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा जाएगा। इसलिए इस बार राज्यों से ऊर्जावान और क्षमतावान लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी 24,25 सितम्बर को दिल्ली में हो रही है। इस बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी का मुख्य एजेंडा आगामी विधानसभा चुनाव रहनेवाला है। सबसे पहले गुजरात, हिमाचल, कर्नाटक में चुनाव होने हैं। इसके बाद मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और त्रिपुरा के चुनाव होंगे। भाजपा का लक्ष्य हिमाचल, कर्नाटक से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करना है। इसके लिए कर्नाटक की कमान बी.एस. येदियुरप्पा को देने के साथ युवा चेहरों में अनंत हेगड़े को सरकार का हिस्सा बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की अंदरूनी कलह, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ बगावत का भाजपा को फायदा मिलेगा। हिमाचल में पहली बार भाजपा के अंदर लामबंदी दिख रही है। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एकजुट होकर काम में लग गए हैं। समझा जा रहा है कि शाह के कबीना में जल्द फेरबदल हो सकता है। डेढ़ साल से नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। पार्टी के कई प्रमुख पद खाली हैं। 9 राष्ट्रीय महामंत्री,11 उपाध्यक्ष और 11 सचिव के पद हैं। महासचिव, उपाध्यक्ष, सचिव को मिलाकर करीब एक दर्जन पद खाली हैं। संगठन महामंत्री भी नया आने की संभावना है। कोषाध्यक्ष का पद भी पीयूष गोयल के सरकार में जाने के बाद से खाली है। महिला मोर्चा का पद भी खाली है। सूत्र बताते हैं कि इस बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राज्यों को ज्यादा महत्व दिया जाएगा। जिसमें केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल से नए चेहरे लिए जा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो केरल से वी. मुरलीधरन को महामंत्री बनाया जा सकता है। तेलंगाना से किशन रेड्डी को केन्द्रीय राजनीति में लाया जा सकता है। कर्नाटक से नलिन कटिल को लाया जा सकता है। मौजूदा राष्ट्रीय महामंत्री पी. मुरलीधर राव को तेलंगाना भेजा जा सकता है। राजस्थान से ओम बिरला को लिया जाएगा, मप्र से प्रहलाद पटेल को लिया जा सकता है। इसी तरह से राजीव प्रताप रूड़ी को बिहार भेजने की संभावना है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्षों में भी बदलाव किया जाएगा। नए प्रदेश अध्यक्ष जातिगत संगठनात्मक समीकरण के हिसाब से बनाए जाएंगे। ऐसे चेहरे लाए जाएंगे, जो कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर सकें।


Updated : 5 Sep 2017 12:00 AM GMT
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