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शंकराचार्यजी ने चारों दिशाओं से भारत को जोड़ा : मुख्यमंत्री

शंकराचार्यजी ने चारों दिशाओं से भारत को जोड़ा : मुख्यमंत्री
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एकात्म यात्रा का भव्य आयोजन, पादुका पूजन के साथ हुआ शुभारंभ, फूलबाग पर उमड़ा जनसमुदाय


ग्वालियर,विशेष प्रतिनिधि। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि आदि शंकराचार्य साक्षात शिव का रूप हैं, उन्होंने भारत को चारों दिशाओं से जोड़ने का काम किया। वे त्रिवेणी के संगम हैं, आज यदि देश और दुनिया को बचाना है तो उनका दर्शन करें। शांति का अद्वेत दर्शन उनमें निहित है।
श्री चौहान फूलबाग मैदान पर आयोजित एकात्म यात्रा एवं आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापना हेतु धातु संग्रह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वे ठीक सायं 4.35 बजे फूलबाग मैदान के मंच पर सपत्नीक आए, फिर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सारा विश्व-देश और मानव मात्र एक है, इसमें कोई छोटा या बड़ा नहीं। आज जब विश्व भौतिकता की अग्नि में जा रहा है,अशान्ति का दौर चल रहा है तो ऐसे में समूचे भारत को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करने वाले केरल में जन्मे आदि शंकराचार्य जी को याद करने का समय है, उनके दर्शन से दुनिया में शांति लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर को ज्ञान भूमि बनाने वाले शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने के लिए 17 दिसम्बर से एकात्म यात्रा निकली है, 22 जनवरी को उसी भूमि पर पूजन कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें मेरे मध्यप्रदेश के लोगों द्वारा गांव-गांव से एकत्रित मिटÞ्टी से आधार नींव और कलश से प्रतिमा की ढ़लाई होगी। इस पुनीत कार्य में प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता का पूराा योगदान है। उन्होंने कहा कि शांति का अद्वेत दर्शन शंकराचार्य जी में समाहित है। प्रारंभ में प्रदेश के केबिनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया अपने शीर्ष पर आदि शंकराचार्य जी की पादुका कांच के केस में लेकर मंच पर आए, जिसे मुख्यमंत्री ने अपने शीष पर लेने के बाद टेबिल पर रखा। तत्पश्चात मंच पर विराजमान बड़ी संख्या में आए संतजनों का शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मनित किया गया। मंच के निकट रखे विशाल कलश क ो मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। स्वागत भाषण यात्रा संयोजक राजेश सोलंकी ने दिया। साथ ही स्वामी परमानंद जी वृंदावन एवं महामंडलेश्वर राधे-राधे महाराज ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री माया सिंह, महापौर विवेक नारायण शेजवलकर, विधायक नारायण सिंह कुशवाह, भारत सिंह, मनीषा भुजवल यादव, संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरुआ, विजय दुबे, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, जीडीए अध्यक्ष अभय चौधरी, सभापति राकेश माहौर, प्रमिला वाजपेयी, जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा, महिला अध्यक्ष खुशबू गुप्ता, कलेक्टर राहुल जैन सहित बड़ी संख्या में भाजपाजन, प्रशासनिक अधिकारी, आमजन उपस्थित थे।

संस्कृत बैंड ने दी प्रस्तुति

अतिथियों के आने से पूर्व सह मंच पर जहां आदि शंकराचार्य पर केंद्रित नाटक का मंचन किया गया, वहीं पहली बार संस्कृत बैण्ड ने भी प्रस्तुति दी।
एकात्म यात्रा का शहर में भव्य स्वागत

उच्च शिक्षा मंत्री पवैया और महापौर ने सिर पर धारण कीं जगतगुरू की पादुकाएं

आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा हेतु धातु संग्रहण एवं जन जागरण अभियान के लिए 19 दिसम्बर 2017 से प्रारंभ किए गए जन-संवाद और ‘एकात्म यात्रा’ का शहर में भव्य स्वागत हुआ। ग्वालियर जिले में यात्रा का प्रवेश द्वार ग्राम रायरू पर बनाया गया। जहां प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, महापौर विवेक शेजवलकर, विधायक भारत सिंह कुशवाह, यात्रा के प्रभारी राजेश सोलंकी ने वैदिक मंत्रों के बीच जगतगुरू की पादुकाओं व कलश का पूजन कर पादुकाओं को अपने सिर पर रखकर यात्रा की अगवानी की। महापौर विवेक शेजवलकर ने कलश को अपने सिर पर रखा तथा विधायक भारत सिंह कुशवाह जगतगुरू के ध्वज को लेकर यात्रा में आगे आगे चले। यात्रा के साथ महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 राधे-राधे बाबा, महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 प्रणवानंदजी महाराज भी पधारे। इससे पूर्व संभागायुक्त बी एम शर्मा, जिलाधीश राहुल जैन, पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने जिला प्रशासन की ओर से यात्रा की अगवानी की। यात्रा के साथ मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक भी आए।

शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी यात्रा

ग्वालियर जिले में एकात्म यात्रा का प्रारंभ रायरू ग्राम पंचायत से हुआ। यहां पर रायरू, मिलावली, कुलैथ सहित अन्य आस-पास के ग्रामों से आए ग्रामीण महिला-पुरूषों ने ढोल-ताशे, ढोलक, हरमोनियम व मजीरों से धार्मिक गीतों और राष्ट्रभक्ति के जयकारों के साथ यात्रा का जबरदस्त स्वागत किया। यात्रा के साथ-साथ गायत्री परिवार द्वारा बनाए गए रथों से लगातार वैदिक मंत्रों का उद्घोष होता रहा। इसके बाद यात्रा पुरानी छावनी अटल द्वार, मल्लगढ़ा तिराहा, जलालपुर तिराहा, ट्रिपल आईटीएम चौराहा, चार शहर का नाका होते हुए हजीरा चौराहे पर पहुँची। चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा बनाए गए पण्डाल में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद यात्रा किलागेट से लोहामण्डी, सेवानगर, सांई बाबा मंदिर, ग्वालियर विकास प्राधिकरण के सामने से होते हुए फूलबाग चौराहे पर पहुँची। पूरी यात्रा के दौरान सड़क के दोनों किनारों पर अपने गली, मोहल्ले और घरों से निकलकर नगरवासियों ने आदि गुरू शंकराचार्य की पादुकाओं के दर्शन किए और फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया। तदुपरांत यात्रा मुख्य समारोह स्थल फूलबाग मैदान पर आयोजित जन संवाद कार्यक्रम के रूप में शामिल हो गई।

शिववाणी में दिखा संत स्वरूप

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को फूलबाग के मंच पर जो भाषण दिया वह राजनीति से कोसों दूर था, उन्होंने देवी-देवताओं के साथ जगद्गुरू आदि शंकराचार्य की महिमा का धाराप्रवाह वाणी में गुणगान किया तो समूचा माहौल धर्ममय नजर आने लगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुझसे पूछा जा रहा है कि आपने नर्मदा सेवा यात्रा निकाली, कुंभ का आयोजन किया और एकात्म यात्रा एवं धातु संग्रह के साथ आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा निर्माण करा रहे हो, जबकि सरकार और मुख्यमंत्री का कार्य पुल, सड़क अस्पताल बनाना है। इस सवाल पर मेरा जवाब है कि यह सब काम तो हैं ही लेकिन में इंसान बनाने का काम कर रहा हूं। पहले भी राजसत्ताएं ऐसा करतीं रहीं हैं, इसलिए आदमी को धार्मिक कार्य करते रहना चाहिए ताकि उसका मन पूरी तरह शांत और सात्विक बना रहे। श्री सिंह ने देवी-देवताओं और शंकराचार्य जी के अनेक उदाहरण संस्कृत में श्लोक सुनाते हुए प्रस्तुत किए, जिससे सबका मन धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत हो गया। वे बोले कि हमें नदी प्रकृति सूर्य चंद्रमा पेड़ पौधे सभी की पूजा करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने किया आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का ग्वालियर के ईटालियन गार्डन में अनावरण किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार की नगरीय विकास मंत्री श्रीमती मायासिंह, महापौर विवेक शेजवलकर, सभापति राकेश माहौर, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन सहित महापौर परिषद के सदस्य एवं पार्षद उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने हमारे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया है। हम सभी को आदि गुरु के जीवन से प्रेरणा लेकर देश की एकता और अखण्डता के लिए अपना जीवन समर्पित कर देना चाहिए।

Updated : 11 Jan 2018 12:00 AM GMT
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