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संगीत विवि पर अपना हक जमा रही हैं कुलपति

संगीत विवि पर अपना हक जमा रही हैं कुलपति
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

ग्वालियर, न.सं.। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. लवली शर्मा ने विवि पर अपना हक जमा रखा है, जबकि विवि छात्रों का है कुलपति का नहीं। कुलपति अपनी हठधर्मी के आगे किसी की भी नहीं सुनती हैं। यहां तक कि कुलपति ने विवि के दो छात्रों को विवि से बहार कर दिया है क्योंकि ये छात्र समय-समय पर कुलपति के भ्रष्टाचारों को उजागर करते थे। यह आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर मंत्री गौरव मिश्रा ने मंगलवार को राज्यपाल के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए लगाया।

महानगर मंत्री श्री मिश्रा के नेतृत्व में पहुंचे छात्रों का कहना था कि संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति अपनी मनमर्जी से कोई भी निर्णय लेना उचित समझ लेती हैं। कुलपति कहती हैं कि आप लोग कौन होते हो या विद्यार्थियों का समूह मुझे बताने वाला कौन होता हैै, मैं जो चाहंूगी वहीं करूंगी। विवि में होने वाले काले कारनामों को जब विद्यार्थी परिषद के महानगर मंत्री गौरव मिश्रा एवं नीतराज शर्मा ने उजागर किया तो कुलपति ने दोनों ही छात्रों को विवि से बाहर का रास्ता दिखा दिया और दोनों छात्रों को परीक्षा से वंचित भी कर दिया।

छात्रों ने ज्ञापन सौंपते हुए यह भी कहा कि राष्ट्रीय कलाबोध कार्यशाला का आयोजन 10 से 13 जनवरी तक किया गया था, जिसमें सभी छात्रों के लिए पंजीयन शुल्क 500 रुपए निर्धारित किया गया था, जिससे कार्यशाला में 500 छात्रों में से 125 विद्यार्थी ही पंजीयन करा सके। शेष छात्र कार्यशाला में पंजीयन से वंचित रह गए। अब अभाविप कुलपति से जवाब चाहती हैै कि ये विवि छात्रों के लिए संचालित हो रहा है या कुलपति के निजी हितों को पूरा करने के लिए। अभाविप ने कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति ने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कई बार विश्वविद्यालय के नियमों की धज्जियां भी उड़ाई हैैं। अभाविप ने जिलाधीश से आग्रह किया कि ज्ञापन को राज्यपाल की ओर भेजें। ज्ञापन सौंपने वालों में अमन राय, रोहित दुबे, अमन बैशांदर, नीतराज शर्मा, धर्वेन्द्र माहौर, प्रतीक आदि शामिल थे।

Updated : 17 Jan 2018 12:00 AM GMT
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