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छात्रावास बना राजनीति का अड्डा जांच समिति गठित, नोटिस जारी

छात्रावास बना राजनीति का अड्डा जांच समिति गठित, नोटिस जारी
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ग्वालियर, न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट छात्रावास में आए दिन बाहरी लोग आते हैं। इसके चलते छात्रावास राजनीती का अड्डा बन गया है। छात्र नेता बाहरी लोगों के लिए छात्रावास से भोजन सामग्री पैक कराते हैं, जबकि दूसरे छात्रों को छात्रावास में प्रवेश तक नहीं दिया जाता है। यह शिकायत भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पदाधिकारियों ने सोमवार को कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए की। इस कुलसचिव ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, साथ ही वार्डन ने भी विवि छात्रसंघ के अध्यक्ष सहित एक अन्य छात्र को नोटिस भी जारी किया है।

भाराछासं के चुनाव प्रभारी नीतिश गौड़ के नेतृत्व में सोमवार को पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव को वीडियो दिखाई, जिसमें विवि छात्रसंघ के अध्यक्ष सुमित यादव छात्रावास में छात्र नेताओं के साथ चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक आॅडियो भी कुलसचिव को सुनाया, जिसमें विवि छात्रावास से 120 रोटियां और बड़ी पॉलीथीन में चावल पैक कराने की बात कही जा रही थी। छात्र नेता नीतिश गौड़ का कहना था कि विवि छात्रसंघ के अध्यक्ष की शह पर कुछ बाहरी छात्र छात्रावास में रहते हैं, जबकि छात्रावास में भाराछासं के कार्यकर्ताओं के आने-जाने पर प्रतिबंध है। भाराछासं की शिकायत पर कुलसचिव ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जिसमें चीफ वार्डन प्रो. आर.ए. शर्मा, छात्र अधिष्ठाता डॉ. केशव सिंह गुर्जर और वार्डन प्रो. राधा तोमर शामिल हैं। वहीं वार्डन डॉ. केशव सिंह गुर्जर ने छात्रसंघ अध्यक्ष सुमित यादव एवं बीई द्वितीय प्रोफ के छात्र युवराज सिंह को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रतिबंध होने के बावजूद बाहरी व्यक्ति छात्रावास में क्यों आते हैं। उन्होंने सख्त शब्दों में दो दिवस में स्पष्टीकरण न देने पर उन्हें छात्रावास से निष्कासित करने की चेतावनी भी दी है। ज्ञापन देने वालों में भाराछासं के प्रदेश पदाधिकारी सचिन द्विवेदी, लोकेन्द्र सिंह गुर्जर, सिद्धार्थ दुबे, शिवमोहन तोमर आदि शामिल थे।

नोटिस किया चस्पा

इस मामले में वार्डन द्वारा छात्रावास में एक नोटिस भी चस्पा किया गया है, जिसमें छात्रावास में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न देने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही कहा गया है कि अगर किसी छात्र से मुलाकात करना है तो उसे अनुमति के बाद ही छात्र से मिलने दिया जाए। अगर इस निर्देश के बाद भी छात्रावास में रहने वाले छात्र की शिकायत मिलती है तो उसके विरुद्ध निष्कासन की कार्यवाही की जाएगी।

Updated : 2 Jan 2018 12:00 AM GMT
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