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दावोस में भारत का बोलबाला

दावोस में भारत का बोलबाला
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दावोस। स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम (डब्लूटीएफ) में विश्व की दिग्गज कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों के अलावा सामाजिक, ​आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र के लोग भी हिस्सा लेने पहुंचे हैं। दुनियाभर की प्रमुख हस्तियों के बीच हर ओर भारत का बोलबाला है। डब्लूटीएफ में हिस्सा लेने आए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बने हुए हैं। चारों ओर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक तरक्की का जिक्र है। दुनिया के अन्य देशों और नामी कंपनियों ने यहां भारत के साथ काम करने की इच्छा जताई है।

भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली, विशाल जनसंख्या, प्राकृतिक संसाधन, नए उद्योग स्थापित करने के लिए स्वस्थ वातावरण, सात प्रतिशत के आसपास की भारत की विकास दर आदि मुद्दे यहां पहुंचे उद्योगपतियों के बीच चर्चा का विषय है। जहां पिछले साल व्यवसाय की दृष्टि से यहां चीन का बोलबाला था, वहीं इस बार भारत ने बाजी मारी है। भारत की आर्थिक विकास दर और वर्तमान सरकार की ओर से ​बाहरी कंपनियों को मिल रहे सहयोग ने व्यापारियों का ध्यान भारत की ओर खींचा है। प्रधानमंत्री मोदी का प्रभावी मार्केटिंग का नतीजा यह रहा है कि अमेरिका, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने प्रधानमंत्री से बातचीत में भारत में निवेश की इच्छा जताई है। रशिया और यूरोपियन देशों ने भी भारत में निवेश पर सहमति भरी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के दावोस पहुंचे हैं। दावोस की ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों के ऊपर और चलती-फिरती बस पर, दावोस में अभी हर ओर बस भारत और भारतीय कंपनियों के विज्ञापन ही दिखाई दे रहे हैं। भारत सरकार ने यहां अपना लॉन्ज तो स्थापित किया ही है| आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने केन्द्र खोल रखे हैं। वैश्विक कंपनियों से अलावा कुछ भारतीय कंपनियों ने भी दावोस में अपने केंद्र स्थापित किए हैं। उल्लेखनीय है इस फोरम में 400 अलग—अलग चर्चा सत्र आयोजित किए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विश्व की दिग्गज कंपनियों के अध्यक्षों के साथ स्नेहभोजन किया। इसमें आंतरिक सुरक्षा, पर्यावरण और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने यहां 40 ग्लोबल सीईओ के साथ मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भारत का मतलब ही बिजनेस है। उन्होंने सीईओ केे सामने भारत में मौजूद व्यापार के अवसरों का भी जिक्र किया। इसके अलावा उन्‍होंने यहां मौजूद सीईओ को देश के विकास की कहानी से भी रूबरू कराया।
निवेश के क्षेत्र में भारत ने जापान को पछाड़ते हुए पांचवां स्थान हासिल किया है। पीडब्लूसी नाम की एक संस्था की ​एक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक तरक्की की तारीफ की गई है। पिछले 6 महीने में भारत में एफडीआई के जरिए निवेश में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि चीन में केवल 8 प्रतिशत विदेशी निवेश दर्ज किया गया। एफडीआई के जरिए भारत में 25 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है। विदेश निवेश में जहां पहले स्थान पर अमेरिका, दूसरे पर चीन, तीसरे पर जर्मनी चौथे पर ब्रिटेन और पांचवें पर स्थान पर भारत आता है। दुनियाभर की गिरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत के आर्थिक सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को दिया जाना चाहिए।

Updated : 24 Jan 2018 12:00 AM GMT
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