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पात्र आवेदकों के फार्म अकारण कर दिए निरस्त

पात्र आवेदकों के फार्म अकारण कर दिए निरस्त
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एलएनआईपीई में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप



ग्वालियर, न.सं.। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान में रिक्त 19 पदों के लिए जारी सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने एलएनआईपीई प्रबंधन पर भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इन आवेदकों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया के लिए चाही गई सभी अर्हताओं को पूरा किए जाने के बावजूद उनके आवेदन अकारण निरस्त कर दिए गए। साथ ही गुपचुप रूप में कुछ लोगों को लाभ देने के उद्देश्य से इस भर्ती प्रक्रिया में निरस्त किए गए आवेदनों और इन्हें निरस्त किए जाने के कारणों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं किया गया।
शिकायतकर्ता आवेदक नीरज सिंह गुर्जर और विवेक पाण्डे का आरोप है कि उनके अलावा कुछ अन्य आवेदकों ने आवेदन के साथ वह सारी अर्हताएं पूरी की थीं, जो एलएनआईपीई द्वारा चाही गई थीं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने उनके आवेदनों को कारण बताए बिना ही निरस्त कर दिया।

फार्मों को शॉर्ट लिस्ट करके जो मैरिट सूची जारी की गई है, उसका आधार भी विश्वविद्यालय प्रबंधन स्पष्ट नहीं कर रहा है। देशभर के विश्वविद्यालय भर्ती प्रक्रिया में शॉर्ट लिस्ट किए जाने वाले आवेदकों के नाम और रिजेक्ट आवेदकों के नाम की सूची तुरंत ही अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करता है। इससे आवेदक को यह स्पष्ट हो जाता है कि उसका फार्म किस कारण से निरस्त किया गया है। अगर आवेदक को लगता है कि वह निरस्त किए जाने के बावजूद अर्हता पूरी करता है तो वह दोबारा अपना आवेदन फार्म, छटनी समिति के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। जिन आवेदकों के फार्म निरस्त किए गए हैं, उनका आरोप है कि 19 पदों के लिए लगभग 319 लोगों को साक्षात्कार हेतु पत्र जारी किए हैं। विज्ञापन में स्पष्ट किया गया था कि आवेदक को 55 प्रतिशत अंकों के साथ एम.पी. एड., यूजीसी नेट अथवा पीएचडी और एक खेल में विशेषज्ञ होना आवश्यक था। लेकिन आवेदन किस आधार पर चयनित और निरस्त किए गए यह विश्वविद्यालय द्वारा स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में यूजीसी की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है। विज्ञापन में उल्लेखित शर्तों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। खास बात यह है कि वर्तमान में एलएनआईपीई के फुटबॉल और एथलेटिक्स विभाग में सहायक प्राध्यापकों और कोच के सर्वाधिक लोग भर्ती किए जा चुके हैं। जबकि विश्वविद्यालय में स्वीमिंग, टेनिस, शूटिंग आदि खेलों के विशेषज्ञों की कमी है। निरस्त आवेदकों की मांग है कि अब तक की गई भर्ती प्रक्रिया को रोकते हुए प्रस्तुत किए गए आवेदनों को एक बार पुन: स्क्रूटनी में लिया जाए। जिन विभागों में सहायक प्राध्यापकों की आवश्यकता है उन खेलों और विभागों के अनुसार सहायक प्राध्यापकों का चयन किया जाए। निरस्त आवेदकों का कहना है कि अगर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं रोकी गई तो प्रधानमंत्री से शिकायत करेंगे। इसके बाद भी न्याय नहीं मिला तो न्यायालय की शरण लेंगे।

इनका कहना है

‘हमारी यह भर्ती प्रक्रिया आॅनलाइन थी ही नहीं, इस कारण निरस्त आवेदकों की सूची को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नहीं डाला गया। बात पारदर्शिता की है तो हम सूची को कल ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कराते हैं।’

दिलीप कुमार डुरेहा
कुलपति एलएनआईपीई ग्वालियर


‘एलएनआईपीई की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता होती तो पहले ही दिन चयनित और निरस्त आवेदकों की सूची को आॅनलाइन प्रदर्शित किया जाता। हमने कई बार सूची को आॅनलाइन करने का अनुरोध किया, लेकिन नहीं की गई। प्रेस के दखल के बाद कुलपति लिस्ट को आॅनलाइन करने की बात कह रहे हैं। न्याय के लिए हम अंतिम क्षण तक लड़ाई लड़ेंगे। हमें न्याय नहीं मिला तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और प्रधानमंत्री से भी भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की शिकायत करेंगे।’

विवेक पाण्डे, नीरज सिंह गुर्जर
शिकायतकर्ता

Updated : 4 Jan 2018 12:00 AM GMT
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