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अव्यवस्थाओं की शिकायत करना पड़ा महंगा, चिकित्सकों ने किया बाहर

अव्यवस्थाओं की शिकायत करना पड़ा महंगा, चिकित्सकों ने किया बाहर
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मामला कमलाराजा चिकित्सालय का

ग्वालियर, न.सं.। कमलाराजा अस्पताल के मेडिसिन विभाग में अपनी पत्नी का उपचार कराने पहुंचे एक व्यक्ति को अव्यवस्थाओं पर शिकायत करना भारी पड़ गया है। महिला के पति को पहले तो चिकित्सकों के अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा और बाद में इधर-उधर भटकाते हुए मरीज को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जिसके चलते महिला पहले तो घंटो अस्पताल के बाहर लेटी रही और बाद में घर लौट गई। दरअसल भिण्ड दबोह निवासी अरविंद सिंह ने गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एन. अयंगर से शिकायत करते हुए कहा था कि उसने अपनी पत्नी नगीना को उपचार के लिए कमलाराजा अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया था, लेकिन भर्ती के दौरान 1 जनवरी से चिकित्सक देखने नहंीं आए और दीनदयाल कार्ड होने के बाद भी उनसे बाहर से दवाएं मंगाई गर्इं। इतना ही नहीं महिला के पति ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार और सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया से भी अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। अरविंद का आरोप है कि शिकायत के बाद गुरूवार को चिकित्सक ने उन्हें कुछ जांचे कराने के लिए माधव डिस्पेंसरी भेजा, जांच कराने के बाद जब वह लौटे तो चिकित्सकों ने उन्हें सर्जरी विभाग में जाने की बात कही। इस पर वह जब सर्जरी विभाग में पहुंचे तो उन्हें पलंग खाली न होने की बात कहते हुए मरीज को जमीन पर लिटाने की बात कही गई। अरविंद ने बताया कि जब उन्होंने चिकित्सकों से जमीन पर बिछाने के लिए गद्दा और चादर मांगा तो चिकित्सकों ने साफ इंकार कर दिया। जिस पर अरविंद ने चादर और गद्दा न होने की बात लिखित में देने के लिए चिकित्सक से कहा तो चिकित्सक ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। दोनों विभागों में चक्कर काटने के बाद अरविंद ने थक हार कर अपनी पत्नी को जयारोग्य के सामने बने टीन शेड के नीचे दोपहर तीन बजे लेकर पहुंचा और रात करीब 8 बजे तक वहीं लेटा हुआ है।

सहायक अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद हुआ भर्ती

अरविंद ने जब चिकित्सकों द्वारा बाहर निकाल देने की शिकायत फोन पर रात 8 बजे सहायक अधीक्षक डॉ. नरवरिया से की तो डॉ. नरवरिया ने हेल्प डेस्क के स्टॉफ को भेज कर मरीज को दुबारा आईसीयू में भर्ती कराया। वहीं मेडिसिन विभागाध्यक्ष ने भी मरीज को दुबारा भर्ती करने के निर्देश जूनियर चिकित्सकों को दिए।

Updated : 5 Jan 2018 12:00 AM GMT
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