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डॉ. अम्बेडकर के विजन के अनुरुप पिछड़े जिलों का विकास जरूरी : प्रधानमंत्री

डॉ. अम्बेडकर के विजन के अनुरुप पिछड़े जिलों का विकास जरूरी : प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली। कुछ क्षेत्रों के पिछड़ेपन को वहां के लोगों के साथ हो रहे ‘अन्याय’ की संज्ञा देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश को डॉ. अम्बेडकर के विजन के अनुरूप ही वंचित लोगों के साथ पिछड़े जिलों के उत्थान की दिशा में कार्य करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में नीति आयोग द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कलेक्टरों एवं आकांक्षापूर्ण जिलों के प्रभारी अधिकारियों से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री ने केन्द्रीय मंत्रियों तथा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ क्षेत्रों का अपेक्षाकृत पिछड़ापन उन क्षेत्रों में रहने वालों लोगों के प्रति अन्याय है। उन्होंने कहा कि उस परिप्रेक्ष्य में 115 पिछड़े जिलों के विकास का यह प्रयास डॉ. अम्बेडकर के विजन के अनुरूप है, जिन्होंने वंचित लोगों के उत्थान की दिशा में कार्य किया। प्रधानमंत्री ने जनधन योजना, शौचालयों के निर्माण एवं ग्रामीण विद्युतीकरण के उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम दृढ़ता से संकल्प करें तो हमारे देश में कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने मृदा परीक्षण जैसी पूरी तरह से नई पहलों के क्षेत्र में अर्जित की जा रही सफलताओं का भी उदाहरण दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब भारत में बेशुमार क्षमता, असीमित संभावनाएं तथा अनंत अवसर हैं। इस संदर्भ में उन्होंने व्यवसाय सुगमता में बेहतरी का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय विषमताओं को हमेशा बढ़ते जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

यह समारोह 2022 तक भारत के कायाकल्प के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है। केन्द्र सरकार ने 115 जिलों के त्वरित कायाकल्प के लिए एक बड़ी नीतिगत पहल आरंभ की है, जो विकास के विशिष्ट मानकों पर पिछड़ रहे हैं।
इस दौरान अधिकारियों के छह समूहों ने पोषण, शिक्षा, मूलभूत अवसंरचना, कृषि एवं जल संसाधन, वामपंथ उग्रवाद के उन्मूलन तथा वित्तीय समावेश और कौशल विकास की थीमों पर प्रस्तुति दी।

Updated : 6 Jan 2018 12:00 AM GMT
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