Home > Archived > पाक में दिखा अमेरिका का प्रभाव

पाक में दिखा अमेरिका का प्रभाव

पाकिस्तान की वर्तमान हालत को देखकर यह दिखाई देने लगा है कि उस पर अमेरिका की कठोर बातों का प्रभाव होने लगा है, लेकिन पाकिस्तान के बारे में यह भी सच है कि वह जो दिखाता है, वैसा होता नहीं है। पाकिस्तान ने आतंकवादी हाफिज सईद के बारे में कई प्रकार की कार्यवाही की है, लेकिन अंतत: वे सभी कार्यवाही दिखावे की ही रहीं। क्योंकि हाफिज सईद अमेरिका के प्रतिबंध और पाकिस्तान की कार्यवाही के बाद भी अपनी सक्रियता लगातार दिखा रहा है, उसकी गतिविधियों पर किसी भी कार्यवाही का कोई असर नहीं हो रहा है। अभी हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित किए गए जमात उद दावा, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों और आतंकवादियों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी करने के संकेत दिए हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने राष्ट्रीय आतंकवादी निरोधी कानून में संशोधन संबंधी अध्यादेश को स्वीकृति दे दी है। इस कानून के बाद अब पाकिस्तान की सरकार को इन आतंकवादी संगठनों के कार्यालय और सभी बैंक खातों को बंद करने की कठोर कार्यवाही करनी होगी। हालांकि यह सत्य है कि आतंकवादी हाफिज सईद हर बार नए संगठन के साथ फिर मैदान में आ जाता है। यह पाकिस्तान की सरकार को भी पता है, हो सकता है कि पाकिस्तान की सरकार ही आतंकवादी हाफिज सईद को इस प्रकार के नए रास्ते बनाकर अपने कार्यक्रम करने की छूट देती हो, क्योंकि अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के बाद भी उसकी गतिविधियां जारी हैं।

इससे यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की सरकार ने हाफिज सईद के बारे में ऐसी कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की है, जिससे उसके आतंकी क्रियाकलापों पर रोक लग सके। आगे भी पाकिस्तान सरकार के बारे में इस बात पर विश्वास करना कठिन ही कहा जाएगा कि वह हाफिज सईद के बारे में कठोर कार्यवाही करे। अभी तक की कार्यवाही को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि पाकिस्तान ने हाफिज सईद के विरोध में केवल दिखावे की कार्यवाही ही की है। केवल अध्यादेश बना देने से ही किसी की गतिविधियां रुक सकती होती तो अभी तक हाफिज सईद इस दुनिया में ही नहीं होता, लेकिन पाकिस्तान की मंशा यही लगती है कि अमेरिका के प्रतिबंध के बाद भी पाकिस्तान उसे जीवित रखना चाहता है। पाकिस्तान वास्तव में हाफिज सईद पर कार्यवाही करना ही चाहता है तो उसे भारत को सौंपने में क्या आपत्ति है। भारत उसके साथ आतंकी प्रमाणों के साथ पूरी कार्यवाही करेगा, लेकिन पाकिस्तान उसके साथ कठोरता पूर्वक व्यवहार नहीं कर सकता। इसके पीछे उसके अपने कारण भी हो सकते हैं, जिसमें सबसे प्रमुख कारण यही है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों का बहुत बड़ा नेटवर्क स्थापित हो चुका है, उस नेटवर्क को समाप्त करना सरकार के लिए संभव नहीं है। मात्र इसी कारण पाकिस्तान की सरकार भी आतंकवादियों के विरोध में कठोर कार्यवाही करने से बचती रही है। अगर पाकिस्तान आतंक के विरोध में बनाए गए नए कानून का सही तरीके से पालन करता है तो स्वाभाविक रुप से उसे अल कायदा, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, लश्कर ए झांगवी, जमात उद दावा, लश्कर-ए-तैयबा, फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन और दूसरे अन्य संगठनों पर कार्रवाई करनी होगी। अब भविष्य में इस बात का भी पता चल जाएगा कि पाकिस्तान इन आतंकियों के विरोध में किस प्रकार की कार्यवाही करेगा।

Updated : 14 Feb 2018 12:00 AM GMT
Next Story
Top