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पिस्टल चलाने की जिद में गई शैजल की जान

पिस्टल चलाने की जिद में गई शैजल की जान
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- फलदान समारोह में हर्ष फायर के दौरान गोली लगने से हुई मौत
- पुलिस ने कराया मृत बच्ची के शव का अंत: परीक्षण


ग्वालियर।
फलदान समारोह में जीजा-साले पहले पिस्टल चलाने की जिद पर अड़े थे। इसी जिद में खींचतान के दौरान अचानक चली गोली से मासूम बच्ची की जान चली गई। मृत बच्ची के पिता की विवशता यह है कि अगर वह मुंह खोलता है तो उसके अपने ही दुश्मन बनने में देर नहीं लगेगी। पुलिस ने मासूम बच्ची के शव का अंत:परीक्षण कराकर वीडियो कैमरा के फुटेज के आधार पर गोली चलाने वाले की तलाश प्रारंभ कर दी है।
उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र के अंतर्गत घासमंडी स्थित कानून गो मौहल्ले में रहने वाले सोनू भदौरिया के फलदान समारोह में मंगलवार देर रात को मासूम सात वर्षीय शैजल जादौन की गोली लगने से मौत हो गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनू भदौरिया के मामा का लड़का सेना में जवान है और भाई के विवाह में छुट्टी पर आया हुआ है। मंगलवार रात को जब सोनू का फलदान चढ़ रहा था, उस समय सोनू के मामा का लड़का अपनी लायसेंसी पिस्टल चलाने की तैयारी में था तभी उसका जीजा पंकज भदौरिया भी आ गया और उससे चलाने के लिए पिस्टल मांगने लगा। जीजा-साले दोनों में पिस्टल चलाने को लेकर खींचातानी होने लगी। बताया गया है कि सेना के जवान ने जीजा की जिद को देखते हुए पिस्टल से मैगजीन निकाल ली थी, लेकिन एक गोली पिस्टल के कॉक में फंसी रह गई। पंकज जब पिस्टल चलाने की ज्यादा जिद करने लगा तो साले ने मना कर दिया। दोनों की खींचातानी में पिस्टल का ट्रिगर दब गया और गोली निकलकर उनके पास ही खड़ी सात वर्षीय बच्ची शैजल के पेट को भेदती हुई निकल गई। शैजल से थोड़ी ही दूरी पर उसका पिता सत्येन्द्र खड़ा हुआ था। अचानक बेटी को जमीन पर गिरता देख सत्येन्द्र ने उसे गोदी में उठाया और अस्पताल लेकर दौड़ पड़ा। दो निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद शैजल को जयारोग्य अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान देर रात में उसकी मौत हो गई। सत्येन्द्र की आखों के सामने ही बेटी दुनिया से चली गई, जिसका उसे बेहद अफसोस है, साथ ही उसकी मजबूरी है कि वह पूरे घटनाक्रम को जानने के बाद भी बताने से बच रहा है क्योंकि पुलिस को सच्चाई बताने से उसके अपने ही दुश्मन बन जाएंगे। बेटी तो दुनिया से चली ही गई, अपने भी पराए हो जाएं, ऐसा वह नहीं चाहता है। पुलिस ने फलदान कार्यक्रम के दौरान के वीडियो फुटेज कैमरामैन से ले लिए हैं, जिसके आधार पर पुलिस गोली चलाने वाले की पहचान करेगी। वीडियो कैमरा में गोली चलने का घटनाक्रम कैद हो गया है। पुलिस ने शैजल के शव का अंत:परीक्षण कराया है।
विवाह समारोह में प्रतिबंधित है हथियार चलाना
प्रशासन के सख्त आदेश हैं कि विवाह समारोह या सार्वजनिक कार्यक्रम में कोई भी हथियार नहीं चला सकता है। ये आदेश सभी मैरिज गार्डन संचालकों को लिखित में दिए गए हैं। बावजूद इसके शहर में बैखोफ होकर विवाह कार्यक्रमों में लोग हर्ष फायर करते हैं। शैजल की असमय मौत भी हर्ष फायर का नतीजा है। प्रशासन ने तो फरमान जारी कर दिया है, लेकिन उसका पालन कितना हो रहा है? इसकी जवाबदारी किसकी है? ऐसे कई और सवाल हैं, जो शैजल की मौत के बाद उठ रहे हैं।
हर्ष फायर में पहले भी जा चुकी हैं जानें
हर्ष फायर से शैजल की मौत होने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में दरवाजे पर बैठकर एक महिला जब अपनी दस वर्षीय बेटी के बाल संवार रही थी तभी आसमानी गोली से बेटी की मौत हो गई थी। वहीं गोले का मंदिर थाना क्षेत्र में भी एक बालिका की मौत हो चुकी है।

Updated : 15 Feb 2018 12:00 AM GMT
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