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नसबंदी में पिछड़ा शहर, 60 प्रतिशत आंकड़ा भी नहीं कर पाया पार

नसबंदी में पिछड़ा शहर, 60 प्रतिशत आंकड़ा भी नहीं कर पाया पार
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नसबंदी कराने वाले कई लोग राशि लेने से वंचित
ग्वालियर|
भारत सरकार द्वारा जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस बार भी नसबंदी आॅपरेशन के लक्ष्य को हासिल करना तो दूर उसके आसपास भी नहीं पहुंच सका है। नसबंदी आॅपरेशन का लक्ष्य पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई प्रकार की योजनाएं चला रखी हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में नसबंदी कराने वाली महिला को 1400, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपए मिलते हैं। वहीं पुरुष नसबंदी पर दोनों ही जगह 2200 रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है। इसी प्रकार प्रेरक को भी 250 रुपए की राशि दी जाती है। उसके बाद भी ग्वालियर जिले में नसबंदी का लक्ष्य सिर्फ 60 प्रतिशत ही पहुंच सका है। ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग को 31 मार्च तक 12000 नसबंदी आॅपरेशन का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक सिर्फ 6200 ही प्रकरण हो सके हैं।

शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के अच्छे परिणाम
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कौरब का कहना है कि नसबंदी के मामले में शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के परिणाम अच्छे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तो महिलाएं और पुरूष नसबंदी करा लेते हैं, जबकि शहर में विभाग पिछड़ जाता है।

नहीं हुआ भुगतान
नसबंदी कराने वालों को स्वास्थ्य विभाग समय पर भुगतान भी नहीं कर पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अभी तक नसबंदी के 6200 मामले में सिर्फ 3500 का ही भुगतान किया गया है।

Updated : 15 Feb 2018 12:00 AM GMT
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