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पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब जरूरी

भारत से चार जंगों में मुंह की खा चुका पाकिस्तान अतीत के अनुभवों के बाद भी उसी राह पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है, जो केवल विनाश का रास्ता ही तैयार करता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो पाकिस्तान अपनी दुर्गति के पथ पर स्वयं जाने के लिए तैयार हो रहा है। हम यह जानते हैं कि भारत हमेशा शांति के मार्ग की ही बात करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान उसे उकसाने के लिए कार्यवाही कर रहा है। इससे यह भी लगता है कि पाकिस्तान, भारत की सहनशीलता की परीक्षा ले रहा है, लेकिन इतिहास साक्षी है कि जो सहन कर सकता वह हमेशा कमजोर नहीं होता, बल्कि समय आने पर प्रतिकार भी कर सकता है, यह पाकिस्तान ने भी अच्छी तरह से महसूस किया है। अभी भारत पाकिस्तान सीमा पर जो हालात दिखाई दे रहे हैं, उससे यह तो सिद्ध हो ही रहा है कि पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का उचित जवाब भी दिया जा रहा है। आतंकवादी गतिविधियों का संचालन करने वाली पाकिस्तान परस्त शक्तियां भी भारत की शक्ति से पूरी तरह से परिचित हैं। लेकिन उनकी मजबूरी यही है कि उनको आतंक फैलाने के लिए जो भी सहयोग करते हैं, वह आतंक नहीं फैलाने के कारण उनकी सहायता करना बंद कर देंगे। मात्र इसी कारण ही पाकिस्तान परस्त आतंकियों की ओर से भारत को घाव दिए जा रहे हैं।

सवाल यह आता है कि पाकिस्तान अपनी हरकतों को कम करने के लिए तैयार नहीं है, फिर भारत उसके द्वारा दिए जा रहे घावों को कब तक सहन करता रहेगा। भारत की ओर से हमेशा यह प्रयास किया जाता रहा है कि पाकिस्तान वार्ता करने के लिए तैयार हो और आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की कार्यवाही करे, लेकिन वर्तमान वातावरण को देखते हुए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि पाकिस्तान अपनी ओर से आतंक को कम करेगा। पाकिस्तान में शरण प्राप्त किए आतंकियों पर पाकिस्तान की सरकार लगाम लगाने में असफल साबित हो रही है। हो सकता है कि सरकार इन आतंकियों पर लगाम नहीं लगाना चाहती हो, क्योंकि यह आतंकवादी पाकिस्तान में इतने प्रभावी हो चुके हैं कि सरकारें भी इनके संकेत पर काम करती दिखाई देती हैं। तमाम प्रतिबंधों के बाद भी अगर पाकिस्तान परस्त आतंकियों की गतिविधिधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है तो इसके लिए पाकिस्तान की सरकार भी कहीं न कहीं दोषी है। वह गंभीरता से इन पर अंकुश लगाने का प्रयास नहीं कर रही है। ऐसे लाइलाज अवस्था की ओर कदम बढ़ा चुके पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिए जाने की बेहद आवश्यकता है। अगर यह कार्यवाही नहीं की गई तो पाकिस्तान हमेशा भारत की सहनशीलता को कमजोरी ही समझेगा। अब हमारी बरदाश्त की सीमा खत्म हो चुकी है। हमारे सामूहिक धैर्य की सीमा रेखा पूर्णरूप से पार हो चुकी है। हमें स्वयं ही पाकिस्तान परस्त आतंकियों को सबक सिखाने के लिए तैयार होना होगा, नहीं तो पाकिस्तान ऐसे ही आतंकी हमला करता रहेगा और हम केवल मुंहतोड़ जवाब देने की बयानबाजी ही करते रहेंगे।

Updated : 20 Feb 2018 12:00 AM GMT
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