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आबकारी आयुक्त ने काली सूची से बाहर निकाल दे दिया शराब ठेका

आबकारी आयुक्त ने काली सूची से बाहर निकाल दे दिया शराब ठेका
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‘सोम’ को बकाया वसूली पर मिला है ‘स्थगन’


ग्वालियर, न.सं.। 3.38 करोड़ से अधिक बकाया राशि जमा नहीं करने पर धार कलेक्टर द्वारा वर्ष 2007-08 में काली सूची में शामिल की गई सोम डिस्टलरीज लिमिटेड को बकाया राशि वसूले जाने को लेकर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश मिला है। न्यायालय के इस स्थगन आदेश का उल्लेख करते हुए जिला आबकारी अधिकारी धार ने जिला समिति धार के समक्ष सोम डिस्टलरीज का नाम काली सूची से बाहर किए जाने का प्रस्ताव भी रखा, लेकिन जिला समिति के अध्यक्ष कलेक्टर धार ने मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 18.01.2017 में प्रकाशित विज्ञप्ति की कंडिका 19(2) के आधार पर इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए सोम डिस्टलरीज को काली सूची से बाहर करने से इंकार कर दिया। खास बात यह है कि सोम डिस्टलरीज को काली सूची से बाहर किए जाने के संबंध में जिला आबकारी अधिकारी धार ने पहले प्रदेश के आबकारी आयुक्त को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन आबकारी आयुक्त ने काली सूची में शामिल सोम डिस्टलरीज एवं एक अन्य फर्म मैसर्स लक्ष्मीनारायण एण्ड संस के संबंध में अपने पत्र क्रमांक /7-ठेका/2017/2249 ग्वालियर दिनांक 14.11.2017 से स्पष्ट किया कि म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्र. 27 दिनांक 18..1.2017 में प्रकाशित विज्ञप्ति की कंडिका 19 में निर्देशित व्यवस्था अनुसार काली सूची में से नाम विलोपित किए जाने हेतु जिले की जिला समिति अधिकृत है। आबकारी आयुक्त के इस मार्गदर्शन पत्र को संलग्न कर जिला आबकारी अधिकारी धार ने दोनों फार्मों का नाम काली सूची से विलोपित करने का प्रस्ताव जिला समिति के समक्ष रखा था, लेकिन समिति ने इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि आबकारी आयुक्त जब स्वयं ही जिला समिति को इसके लिए अधिकृत होने की बात स्वीकारते हैं और समिति ने सोम डिस्टलरीज को काली सूची से बाहर नहीं किया है। ऐसी स्थिति में आबकारी आयुक्त ने सोम डिस्टलरीज को काली सूची से बाहर कैसे मान लिया। खास बात यह है कि आबकारी आयुक्त ने विभागीय मंत्री जयंत मलैया सहित वरिष्ठ अधिकारियों को भी यह भ्रामक जानकारी दी है कि न्यायालय के ‘सोम डिस्टलरीज’ को काली सूची में शामिल किए जाने को लेकर स्थगन आदेश जारी किया है।

किस आसवनी को कितने जिले

देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में मेसर्स एसोसिएटेड अल्कोहल्स एण्ड ब्रेवरीज लिमिटेड, बड़वाह जिला खरगौन को 9 जिले, मेसर्स जेगपिन इण्डिया लिमिटेड, नौगांव, जिला छतरपुर को 5 जिले, मेसर्स ग्वालियर एल्कोब्रू प्रा. लिमिटेड रायरू जिला ग्वालियर को 8 जिले, मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रा. लि. रायसेन को 7 जिले, मेसर्स ग्रेट गेलियन लि. जिला धार को 8 जिले, मेसर्स अग्रवाल डिस्टलरीज प्रा. लिमि. खरगौन को 3 जिले, मेसर्स विध्यांचल डिस्टलरीज प्रा. लि. जिला रायगढ़ को 4 जिले और ओएसिस डिस्टलरीज लिमिटेड धार को 7 जिले आवंटित हुए।

इन जिलों में बिकेगी सोम की मदिरा

मंगलवार को हुए देशी शराब प्रदाय व्यवस्था की अनुज्ञप्तियों में सोम डिस्टलरीज को सात जिले आवंटित हुए हैं। इनमें विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, देवास, सागर, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा शामिल हैं।

क्या कहती है कंडिका 19 (2)

‘कोई भी व्यक्ति/फर्म/कम्पनी/फर्म का भागीदार/कम्पनी का संचालक जो स्वत: अथवा जमानतदार की हैसियत से शासन की आबकारी राशि, पॉपीस्ट्रा राजस्व की राशि अथवा मनोरंजन शुल्क की किसी भी प्रकार की राशि का बकायादार हो। ऐसा व्यक्ति लॉटरी आवेदन पत्र प्रस्तुत करने/ई-टेंडर देने से वर्जित रहेंगे।’

आयुक्त की सोम के संचालक से अकेले में चर्चा

देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था (सीएस-1)की टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने मंगलवार को सोम डिस्टलरीज के संचालक जगदीश अरोरा और उनके बेटे दीपक अरोरा ग्वालियर आए। दोपहर करीब 1:30 बजे विभिन्न आठ डिस्टलरीज के संचालकों के साथ श्री अरोरा और उनका बेटा भी आबकारी आयुक्त अरुण कोचर के कार्यालय में बैठकर बातें करते रहे। दोपहर करीब 2:30 बजे अन्य डिस्टलरीज के संचालक आबकारी आयुक्त के कार्यालय से बाहर निकले, लेकिन सोम डिस्टलरीज के संचालक पिता-पुत्र करीब आधा घंटे तक अकेले में श्री कोचर से बतियाते रहे। आधा घंटे बाद दोनों बाहर आए तथा टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुए।

पौने दो घंटे देरी से खुले टेंडर

देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था के टेंडर मंगलवार को मध्यान्ह तीन बजे तक डाले जाकर शाम 4 बजे आबकारी आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में खोले जाने थे। लेकिन अधिकारियों के नहीं पहुंचने के कारण डिस्टलरीज के संचालक और उनके प्रतिनिधि कक्ष और कक्ष के बाहर बैठकर इंतजार करते रहे। शाम 5:30 बजे तक अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर शराब कारोबारी चर्चा करने लगे कि अब तो टेंडर बुधवार को ही खुलेंगे। इसी बीच अपर आबकारी आयुक्त मुकेश नेमा, सहायक आबकारी आयुक्त अजय शर्मा और संयुक्त संचालक वित्त आर.एस.मौर्य कक्ष में पहुंचे और 5:41 बजे टेंडर खोले जाने की प्रक्रिया आरंभ हुई।

Updated : 21 Feb 2018 12:00 AM GMT
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