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दत्तक पुत्र ने सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक के घर से एक करोड़ से ज्यादा के जेवरात चुराए

दत्तक पुत्र ने सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक के घर से एक करोड़ से ज्यादा के जेवरात चुराए
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जेवरात बेचकर दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में उड़ाए रुपए

ग्वालियर। जिस पुत्र को गोद लेकर अपने सहारे के लिए पाला-पोसा था, उसी ने अपने पिता सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक के घर में सेंधमारी कर एक करोड़ से ज्यादा रुपए कीमत के जेवरात चोरी कर लिए। जेवरातों को बेचकर बेटे ने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में रुपए खर्च कर दिए। सनसनीखेज चोरी का पता चलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। बेटे ने चोरी करना स्वीकार कर लिया है।

जनकगंज थाना क्षेत्र स्थित जटार साहब की गली में रहने वाले सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक चेतराम सिंह भदौरिया के घर से लाखों रुपए के जेवरात चोरी होने का पता चलते ही परिवार में सनसनी फैल गई। घर में रखी अलमारी से चालीस तोला सोने के जेवरात हार, कंगन, अंगूठियां, चेन, बैंदा सहित अन्य जेवरात गायब थे। चोरी अलमारी का ताला खोलकर की गई थी। जब चेतराम सिंह भदौरिया ने अपने दत्तक पुत्र जयदीप उर्फ छोटू से चोरी के बारे में पूछा तो जवाब सुनकर उनके होश उड़ गए। उन्होंने जिस बेटे को 18 साल पहले गोद लेकर अपने सहारे के लिए पाला-पोसा था, उसी ने घर में सेंधमारी की थी। जयदीप ने अलमारी का ताला खोलकर चालीस तोले सोने के जेवरात चोरी किए थे। चोरी गए माल की कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा बताई गई है। चोरी का पता चलते ही सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक श्री भदौरिया ने पुलिस को सूचना दी। बताया गया है कि जयदीप ने जेवरात बेचकर अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने में रुपए खर्च कर दिए हैं। जयदीप ने चोरी का माल कहां-कहां बेचा है, उसके बारे में उससे पूछताछ कर रही है।

बेटी से अंगूठी मांगी तब चला पता
चेतराम सिंह के हाथ की अंगूठी घिस गई थी। उन्होंने बेटी रोजासिंह से कहा कि अलमारी से दूसरी अंगूठी निकालकर दे दो। रोजासिंह ने जब अलमारी खोली तो उसे मामला संदिग्ध लगा। जहां अंगूठियां रखी थीं, वहां से जेवरात गायब थे। शंका होने पर लॉकर और अलमारी को खोलकर देखा तो रोजासिंह के होश उड़ गए। अलमारी से काफी जेवरात गायब थे। चोरी का पता चलते ही उन्होंने पिता को बताया।

कक्षा दस में पढ़ता है जयदीप
सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक श्री भदौरिया की बेटी रोजासिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जयदीप कक्षा दसवीं का छात्र है। उसने अपने दोस्तों की संगत में आकर ऐसा कार्य किया है। सूत्र बताते हैं कि जयदीप का पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है।

किसी को नहीं लगा सुराग, कब करता था चोरी
जयदीप काफी शातिराना अंदाज में चोरी की वारदात को अंजाम देता था। उसने परिजनों को चोरी की भनक तक नहीं लगने दी। यदि चेतराम सिंह अंगूठी नहीं मांगते तो जयदीप आने वाले समय में और जेवरात चोरी कर लेता।

न माह से कर रहा था चोरी
रोजासिंह ने बताया कि जयदीप ने अगस्त माह से घर में चोरी करना शुरू किया था और अक्टूबर तक तीन माह में उसने बारह लाख से ज्यादा के जेवरात चोरी कर लिए थे। घर में जब कोई जयदीप के आसपास नहीं होता था, तब वह अलमारी का ताला खोलता था।

जेवरात खरीदने वालों के यहां पुलिस की दबिश
बताया गया है कि जयदीप ने जेवरातों को चोरी करने के बाद सराफा कारोबारी सहित कुछ दोस्तों को भी जेवरात बेचे हैं। पुलिस ने सराफा कारोबारी के यहां दबिश देकर जांच-पड़ताल प्रारंभ कर दी है।

दोस्तों के जन्म दिन और पार्टियों में खर्च किए रुपए
जयदीप दोस्तों की गलत संगत में पड़ गया था। उसे पिता चेतराम सिंह ने बड़े ही प्यार से पाला था। घर में ही घात करने से पिता चेतराम सिंह और बहन रोजासिंह काफी दुखी हो गए हैं। जयदीप ने दोस्तों के जन्म दिन और पार्टियों में सारे रुपए खर्च कर दिए हैं। बताया गया है कि उसने नाइट पार्टियों में भी रकम खर्च की है।

Updated : 26 Feb 2018 12:00 AM GMT
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