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एक हजार बिस्तर के अस्पताल के लिए फिर सक्रिय हुई सरकार

एक हजार बिस्तर के अस्पताल के लिए फिर सक्रिय हुई सरकार
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नया डिजाइन बनाने के दिए निर्देश, अब पांच नहीं, तीन ब्लॉक होंगे अस्पताल में
ग्वालियर| ग्वालियर शहर को एक तरफ स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल कर लिया गया है वहीं दूसरी तरफ यहां स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में प्रस्तावित एक हजार पलंग वाला अस्पताल विगत 20 वर्षों से फाइलों में दवा पड़ा है। हालांकि राज्य सरकार इस अस्पताल भवन के निर्माण को लेकर एक बार फिर सक्रिय हो गई है। इसके चलते अब नया डिजाइन बनाया जा रहा है, जिसके अनुसार अस्पताल दो चरणों में बनाया जाएगा क्योंकि अस्पताल में बन रहे सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के निर्माण में प्रस्तावित एक हजार बिस्तर के अस्पताल की भूमि का कुछ हिस्सा उपयोग कर लिया गया है। अब नए डिजाइजन के अनुसार अस्पताल में तीन ब्लॉक बनाए जाएंगे, जबकि पहले के डिजाइन में पांच ब्लॉक थे। वहीं इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए डिजाइन एसोसिएट से कहा गया है।

दरअसल जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में पिछले 20 वर्षों से एक हजार बिस्तर का नया अस्पताल बनना प्रस्तावित है। सांसद अनूप मिश्रा के प्रयासों से इसके लिए स्वीकृति मिली थी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 4 नबम्वर 2009 को नए अस्पताल निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया। तीन वर्ष पहले तत्कालीन अस्पताल अधीक्षक डॉ. ज्योति बिंदल के कार्यकाल में इसे बनाने की प्रक्रिया में तेजी आई और इसकी डिजाइन फाइनल हो गई थी, लेकिन अधीक्षक बदलते ही काम दुबारा अटक गया, जो वर्षों से फाइलों में ही दवा हुआ है। इसी बीच अस्पताल परिसर में बन रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कर रही एजेंसी ने एक हजार बिस्तर वाले प्रस्तावित अस्पताल की जमीन का कुछ हिस्सा उपयोग कर लिया। इसी बीच पिछले दिनों तत्कालीन प्रमुख सचिव गौरीसिंह जब ग्वालियर आर्इं तो अस्पताल अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार ने उनसे एक हजार बिस्तर के अस्पताल के संबंध में चर्चा की। इसके चलते विगत दिनों भोपाल में आयोजित हुई बैठक में एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण कार्य को लेकर चर्चा हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि एक हजार बिस्तर का अस्पताल दो चरणों में बनाया जाएगा। प्रथम चरण में 170 करोड़ रुपए की लागत से मेडिसिन, सर्जरी, रेडियोलॉजी विभाग के साथ आॅपरेशन थियेटर बनाए जाएंगे और दूसरे चरण में 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें अन्य विभाग बनेंगे, जबकि पहले यह अस्पताल पांच ब्लॉक में बनाया जाना था। इसके साथ ही इस अस्पताल की डीपीआर बनाने का जिम्मा दिल्ली की कंपनी डिजाइन एसोसिएट को दिया गया है, लेकिन अब देखना यह है कि 20 वर्षों से अटका पड़ा एक हजार बिस्तर के अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू होगा या फिर से सिर्फ नया डिजाइन बनकर रह जाएगा।

पहले था करीब 264 करोड़ का प्रोजेक्टइससे पहले एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल का प्रोजेक्ट करीब 264 करोड़ रुपए का था। इसमें पांच ब्लॉकों का निर्माण प्रस्तावित था, जिसमें मेडिसिन विभाग, सर्जरी, स्किन, ईएनटी, मनोरोग, आर्थोपेडिक सहित लेक्चर थिएटर का निर्माण किया जाना था।

Updated : 26 Feb 2018 12:00 AM GMT
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