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जब सेवा भाव से काम कर रहे हो तो पैसा बीच में नहीं आना चाहिए

जब सेवा भाव से काम कर रहे हो तो पैसा बीच में नहीं आना चाहिए
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संभागायुक्त ने आश्रय भवन का जाना हाल, दिए निर्देश

ग्वालियर |
आप लोग जब सेवा भाव से काम कर रहे हो तो फिर मरीजों के परिजनों से पैसे क्यों ले रहे हो। हमने अपनी जगह आपको दी है, आप यहां पारदर्शिता से काम करें। यह बात संभागायुक्त बी.एम. शर्मा ने जयारोग्य चिकित्सालय परिसर स्थित आश्रय भवन के बगल में सेवा भाव समिति द्वारा लोगों को नि:शुल्क भोजन एवं नाश्ता कराने की योजना के तहत किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण करते हुए कही।

संभागायुक्त को शिकायत मिली थी कि अस्पताल परिसर में बने आश्रय भवन में लोगों से तय शुल्क से अधिक पैसे वसूले जाते हैं, साथ ही भोजन के लिए भी पैसे लिए जाते हैं। इसी के चलते संभागायुक्त श्री शर्मा शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा के साथ निरीक्षण पर जा पहुंचे। इस दौरान संभागायुक्त ने भोजन कर रही एक महिला से पूछा कि आपसे खाने के लिए कितने पैसे लिए गए हैं? इस पर महिला ने बताया कि उससे 50 रुपए शुल्क लिया गया है। इस पर सेवा भाव समिति के संचालन ने बताया कि 50 रुपए व्यवस्था बनाने के लिए, लिए जाते हैं। अटेण्डरों से 50 रुपए लेकर एक कार्ड बनाकर दिया जाता है और जब वह कार्ड वापस करते हैं तो पैसे लौटा दिए जाते हैं। इसी बीच गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एन. अयंगर ने बताया कि मेरे पास कई बार शिकायतें आती हैं कि आप लोग पैसे वापस नहीं करते हो। हमने यहां टीनशेड लगवाकर आपको दिया है, लेकिन आप लोग हमने कभी चर्चा करने तक नहीं आते। इस पर संभागायुक्त श्री शर्मा ने कहा कि आप पारदर्शिता के साथ काम करें। अगर आप यहां सेवा भाव से काम कर रहे हो तो फिर पैसों को बीच में क्यों ला रहे हो। आप लोग यहां नि:शुल्क भोजन का बैनर टंगवाएं। इस पर समिति के संचालक ने कहा कि ऐसा नहीं है। कई लोग यहां दान में पैसा देकर लौट जाते हैं, इसलिए उनकी एन्ट्री नहीं होती है। इस पर संभागायुक्त ने कहा कि अगर ऐसा है तो आप यहां एक दानपेटी लगवाएं और उसे हर माह तीन लोगों के सामने ही खुलवाएं। इसके बाद उन्होंने रेडक्रॉस द्वारा संचालित आश्रय भवन का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अश्रय भवन की ममता सिंह से पूछा कि आप जब यहां का शुल्क लेते हैं तो यहां व्यवस्थाएं क्यों नहीं रखते हैं? यहां जगह-जगह दीवरों से सीमेंट गिर रहा है और चारों तरफ गंदगी परसी हुई है। नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा ने ममता सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें आप पूरा रिकार्ड दिखाएं। हम यहां काम कराएंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि आश्रय योजना का बेहतर रख-रखाव किया जाए। आश्रय भवन में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने परिसर में एक बेहतर शौचालय का निर्माण कराने के साथ ही वाउण्ड्रीवॉल निर्माण का कार्य भी निगम द्वारा कराए जाने की बात कही। निरीक्षण के दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार, विभागाध्यक्ष डॉ. समीर गुप्ता, सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया मौजूद थे।

दिए पांच-पांच हजार रुपए
निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त श्री शर्मा ने सेवा भाव समिति से पूछा कि आप भोजन के लिए एक दिन में कितने पैसे खर्च करते हो? इस पर समिति के सदस्यों ने बताया कि एक दिन का खर्चा पांच हजार रुपए है। इस पर संभागायुक्त ने एक दिन का भोजन उनकी तरफ से कराने की बात कही। इसी बीच नगर निगम आयुक्त ने संभागायुक्त को पैसे देने के लिए कहा। इस पर संभागायुक्त ने चेक देने की बात कही तो नगर निगम आयुक्त ने अपनी जेब से दोनों की तरफ से पांच-पांच हजार रुपए समिति को दिए।

Updated : 17 March 2018 12:00 AM GMT
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