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दलाई लामा ने कहा - परमाणु हथियारों से किसी देश का भला नहीं होने वाला

दलाई लामा ने कहा - परमाणु हथियारों से किसी देश का भला नहीं होने वाला
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वाराणसी। तिब्बत के सर्वोच्च धर्मगुरू और शान्ति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित परम पावन दलाई लामा ने दुनिया में मानवता और पृथ्वी की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के समयबद्ध समाप्ति पर जोर दिया है। हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम की विभीषिका का हवाला देकर लामा ने कहा कि पुनः ऐसी स्थिति न आये, इसके लिए सही दिशा में प्रयास करने का समय आ गया है। परमाणु शस्त्रों से किसी देश का भला नहीं होने वाला है।

दलाई लामा सोमवार को सारनाथ स्थित केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में आयोजित भारतीय विश्वविद्यालय संघ के दो दिवसीय 92वें अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। अधिवेशन का उद्घाटन कर परम पावन ने कहा कि मैं और तुम की भावना हमें संकीर्ण बनाती है। तमाम समस्याओं को जन्म भी देती है। इसी के चलते दुनिया ने 20 सदी में बहुत युद्ध रक्तपात देखा है। अब अहिंसा, करुणा और प्रेम का संदेश दुनिया में फैलाने की जरूरत है।

ग्लोबल वार्मिंग, पानी के संकट पर चिंता जताते हुए लामा ने कहा कि भाईचारे की भावना से विश्व की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। 21वीं सदी शांति और संवाद की सदी है। पूरी दुनिया तकनीकी विकास के चलते एक गांव में बदल गई है। दुनिया में शान्ति और सद्भाव के लिए भारतीय ज्ञान परम्परा का उल्लेख कर कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जो पुरातन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के बीच समन्वय बनाकर चल सकता है। आठवीं शताब्दी से लेकर अब तक भारत ने जिस ज्ञान-विज्ञान को अपने अंदर सहेज रखा है उसे पुनः दुनिया के सामने लाने की जरूरत है।

अधिवेशन में विश्व बैंक के उच्च शिक्षा समन्वयक प्रो. फ्रांसिस्को मार्मोल्जों ने विशेष व्याख्यान में कहा कि उच्च शिक्षा मनुष्य के सुधार के लिए अन्तिम अवसर होता है। हमें अधिकतम छात्रों को मानवीय मूल्यों से भरी गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा देने की व्यवस्था करनी होगी। प्रो. फ्रासिस्कों ने नियोक्ताओं की आवश्यकता और उच्चशिक्षा प्राप्त नौजवानों की क्षमताओं की तुलना के एक अध्ययन का हवाला देकर कहा कि नियोक्ता विश्वसनीय, स्व-अनुशासित निर्णय लेने में सक्षम, सत्यनिष्ठ कर्मचारी की अपने यहां नियुक्ति देना चाहता है। ऐसे में हमें वर्तमान उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों के लिए इन मानवीय गुणों को समावेश करना होगा। सभा को विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष और एमिटि विश्वविद्वालय, गुरुग्राम (हरियाणा) के कुलपति प्रो. पीवी शर्मा, संघ के महासचिव प्रो. फुरकान कमर ने भी सम्बोधित किया।

Updated : 19 March 2018 12:00 AM GMT
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