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टू-जी घोटाला मामला : राजा-कनिमोझी समेत सभी 19 को बरी किये जाने को चुनौती

टू-जी घोटाला मामला : राजा-कनिमोझी समेत सभी 19 को बरी किये जाने को चुनौती
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-ईडी और सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज कराया मामला, पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर को सभी आरोपियों को किया था बरी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई ने टू-जी घोटाला मामले में ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। दोनों एजेंसियों ने अलग-अलग अपील दायर की है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट में अपील करने की समय-सीमा आज ही समाप्त हो रही थी।

21 दिसंबर 2017 को पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल कोर्ट ने ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकारी वकील आरोप साबित नहीं कर पाए। जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है।

इस मामले में ए राजा और कनिमोझी के अलावा जो आरोपी थे उनमें शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी, पी अमृतम, एमके दयालु अम्मल और शरद कुमार। प्रवर्तन निदेशालय ने जिन नौ कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था उनमें कलैगनार टीवी, एसटीपीएल( अब एतिसलात डीबी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेंमेंट प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक्स रियल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रियल्टी लिमिटेड और मिस्टिकल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

अपने फैसले में जज ओपी सैनी ने कहा था कि मनी लाउंड्रिंग के तीन मुख्य तत्व हैं-पहला कानून की नजर में अपराध। दूसरा है अपराध से हासिल संपत्ति और तीसरा अपराध से हासिल इस संपत्ति को बेदाग संपत्ति बताना। जज ओपी सैनी ने आगे बताया कि अपराध से हासिल संपत्ति मनी लाउंड्रिंग के अपराध का मुख्य तत्व है। इसके बिना मनी लाउंड्रिंग के तहत अपराध किया हुआ नहीं माना जा सकता है।

ईडी ने जिन 19 लोगों और कंपनियों के खिलाफ केस दायर किया था उनमें ए राजा, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी, शरद कुमार, एमके दयालु अम्मल, कनीमोझी, पी. अमृतम, मेसर्स स्वान टेलीकॉम, मेसर्स कुसेगांव रियल्टी, मेसर्स सिनेयुग मीडिया, कलैगनार टीवी, मेसर्स डायनामिक्स रियल्टी, मेसर्स एवरस्माईल कंस्ट्रक्शन कंपनी, मेसर्स कॉनवुड कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स, मेसर्स डीबी रियल्टी और मिस्टिकल कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं ।

सीबीआई ने जिन 17 लोगों और कंपनियों के खिलाफ केस दायर किया था उनमें ए राजा, सिद्धार्थ बेहुरा, आरके चंदोलिया, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, स्वान टेलीकॉम, संजय चंद्रा, मेसर्स युनिटेक वायरलेस, गौतम दोषी, सुरेन्द्र पिपारा, हरि नायर, रिलायंस टेलीकॉम, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी, शरद कुमार और कनीमोझी शामिल हैं।

Updated : 19 March 2018 12:00 AM GMT
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