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नियम विरुद्ध परिणाम घोषित करने को लेकर हुआ विवाद

नियम विरुद्ध परिणाम घोषित करने को लेकर हुआ विवाद
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कार्यपरिषद सदस्य ने जताई नाराजगी, बैठक छोड़ निकले बाहर, जीवाजी विवि की कार्यपरिषद बैठक आयोजित, हुए कई निर्णय
ग्वालियर| जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित हुई कार्यपरिषद की बैठकी में निजी महाविद्यालयों द्वारा निर्धारित सीट संख्या से अधिक छात्रों को प्रवेश देने का मामला उठा, जिसमें निर्णय हुआ कि छात्रों को नजदीक के शासकीय महाविद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा। अगर किसी निजी महाविद्यालय के नजदीक शासकीय महाविद्यालय नहीं है तो अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में छात्रों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जीवाजी विवि संबंधित महाविद्यालयों के छात्रों की परीक्षा तो करा देगा, लेकिन परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। बैठक में नियम विरुद्ध तरीके से घोषित किए गए एमएड के परीक्षा परिणाम को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ और कार्यपरिषद सदस्य बैठक छोड़कर बाहर निकल गए।

कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में मंगलवार को कार्यपरिषद की बैठक हुई। बैठक की शुरूआत में बजट के ड्राफ्ट पर चर्चा हुई। उसके बाद कार्यपरिषद सदस्य डी.पी. सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सुभाषचन्द्र बोस महाविद्यालय को एमएड सत्र 2011-12 की न तो एनसीटीई से मान्यता थी और न ही जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता। उसके बाद भी विवि ने छात्रों की परीक्षा कराई। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय जब उच्च न्यायालय गया, जहां विवि ने भी अपना पक्ष रखा, लेकिन विवि हार गया। इसको लेकर पिछली बैठक में तय हुआ था कि विवि रिव्यू पिटीशन दायर करेगा। फिर गोपनीय के उप कुलसचिव ने नियम विरुद्ध तरीके से एमएड छात्रों का परीक्षा परिणाम कैसे घोषित करवा दिया? उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि रिव्यू पिटीशन पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। उसके बावजूद परीक्षा परिणाम घोषित करने का क्या औचित्य है। विवि के अधिकारी जब निर्णयों को महत्व नहीं देते हैं तो ऐसी बैठक में हम नहीं रह सकते। इतना कहते हुए डी.पी. सिंह बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। हालांकि बाद में कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा, डीसीडीसी व अन्य सदस्य उन्हें मनाकर ले आए और बैठक पुन: शुरू हुई। इसके साथ ही तय हुआ कि इस मामले को आगामी बैठक में रखा जाएगा, साथ ही संबंधित पर कार्रवाई भी की जाएगी।

सदस्यों को दिया बजट का ड्राफ्ट
बैठक के दौरान सभी सदस्यों को बजट का ड्राफ्ट दिया गया। इसके साथ ही सदस्यों से कहा गया कि अगर कोई आपत्ति व सुझाव हों तो वह तीन दिन के अंदर बताएं, जिससे उन पर विचार किया जा सके। इसके साथ ही बताया गया कि 23 मार्च को बैठक होगी, जिसमें बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा। आगामी 26 मार्च को होने वाली वित्त समिति की बैठक में बजट को पास करने के साथ ही 28 मार्च को होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। वहीं प्लानिंग बोर्ड, वार्षिक प्रतिवेतन, प्रोग्रेस रिपोर्ट पास की गई। बैठक में हर तीन महीने में एकेडमिक एवं फाइनेंसियल आॅडिट कराने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से मान्य किया गया।

यह भी हुए निर्णय
*परीक्षा कार्य के लिए शिक्षकों को दिए जा रहे मूल्यांकन कार्य हेतु पारिश्रमिक की राशि 60 हजार से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपए कर दी गई।
* परीक्षा व गोपनीय विभाग के चार्टों को डिजटलाइजेशन कराने के लिए टेंडर निकाले जाएंगे।
* विवि की क्रीड़ा समिति में दो नए सदस्य अतुल लाम्बा एवं मुख्त्यार सिंह को नियुक्त कया गया।

Updated : 21 March 2018 12:00 AM GMT
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