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सोशल मीडिया में दुष्प्रचार से अन्ना व्यथित, केंद्र को दिया 6 माह का समय

सोशल मीडिया में दुष्प्रचार से अन्ना व्यथित, केंद्र को दिया 6 माह का समय
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नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (आमरण - अनशन) आज (गुरुवार) सातवें दिन समाप्त हो गया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने उनकी लगभग मांगें मान ली है| केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस रामलीला मैदान में सरकार का समझौता ड्राफ्ट लेकर पहुंचे थे। रामलीला मैदान में मांगे केंद्र द्वारा स्वीकार करने का ऐलान स्वयं अन्ना के मंच से किया गया है। सरकार ने डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की बात मान ली है।

रामलीला मैदान पर गजेन्द्र सिंह शेखावत और देवेन्द्र फडणवीस ने आंदोलनरत अन्ना हजारे को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया है। गजेन्द्र शेखावत ने ही अन्ना का अनशन खत्म होने का ऐलान भी मंच से किया। अनशन तोड़ने के बाद अन्ना ने कहा, 'सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं। वो किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा समर्थन मूल्य देने को तैयार हो गई है। इसमें फसल पैदा करने में किसानों की मेहनत और कर्ज पर लगने वाला ब्याज भी शामिल है। सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं।'

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लोकपाल की नियुक्ति पर केंद्र ने जल्द ही फैसला लेने का आश्वासन दिया है। अन्ना ने कहा कि हम केंद्र सरकार को इन सबको पूरा करने के लिए 6 महीने का समय देंगे, वरना हम फिर से आंदोलन करेंगे। अन्ना हजारे के सहयोगी से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र ने किसानों को खर्च पर डेढ़ गुना अधिक राशि देने की शर्त मानी लेकिन, ये नहीं बताया है कि राशि किस तरीके से किसानों को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा दिए मसौदे में कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में भी कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। मसौदे में लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्ति की मांग चुनाव आयोग के पास भेजने की बात कही गई है लेकिन, इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया है। खास बात ये है कि फ़िलहाल मसौदे का पत्र मीडिया को नहीं दिया गया है।

दरअसल , पिछले सात दिनों से जारी आमरण - अनशन के चलते अन्ना हजारे की तबीयत नाजुक हो गई है और उनका वजन करीब 5.5 किलो घट गया था।

सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार से हुए व्यथित

अन्ना ने सोशल मीडिया में उनके खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचारों पर दुःख जताते हुए कहा, 'कई दिनों से देख रहा हूं कि कई लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं और मुझ पर झूठे आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। मैंने जीवन में बहुत आलोचना सहन की है| मुझे इससे कभी डर नहीं लगता| न ही मैं उससे दुखी होता हूं। मुझे देशहित के सिवा कुछ नहीं चाहिए| मुझे न किसी से वोट मांगने हैं, न कुछ और| दुख केवल इस बात का है कि मेरी आलोचना करने वाले सिर्फ झूठ बोलते हैं और उस पर बात नहीं करते जो मुद्दे मैंने आंदोलन में उठाए। फिर भी भगवान उनका भला करे।'

गिरीश महाजन का अहम रोल

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन का अहम रोल रहा है| बताया जा रहा है कि उन्होंने अन्ना को मनाने और अनशन समाप्त करवाने में अहम भूमिका निभाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को दिल्ली बुलवाया था। इसके बाद फडणवीस और महाजन ही प्रधानमंत्री कार्यालय से समझौता मसौदे पर चर्चा कर रहे थे। भीड़ का लगातार कम होना भी अनशन के अपुष्ट समझौते का कारण बताया जा रहा है। अन्ना को इस बार उतना जनसमर्थन नहीं मिल पाया जितना उन्हें इससे पहले के आंदोलन में मिला था।

Updated : 29 March 2018 12:00 AM GMT
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