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जब बाल सैनिकों ने ध्वस्त किया लाल किला


इतिहास बताता है कि शिवाजी ने बाल्यकाल में ही अपने बाल मित्रों का संगठन तैयार किया और इन्हीं को सैनिकों के रूप में तैयार कर सुल्तानों, मुगलों के कब्जे के किले जीतना प्रारंभ किया। शिवाजी के बाल सैनिक जय भवानी का उद्घोष करते हुए आक्रमण करते थे। सबका यही संकल्प था कि परकीय सत्ता समाप्त कर हिन्दवी स्वराज की स्थापना करना। इसी तरह उत्तर पूर्व के क्षेत्र सीमा से सटे हुए हैं। पड़ोसी चीन और बांग्लादेश की सीमा से लगे इस क्षेत्र की उपेक्षा होती रही। क्षेत्र के लोगों का दर्द और गुस्सा इस बात को लेकर रहा कि उनके क्षेत्र की लगातार अनदेखी होती है। उत्तर पूर्व के राज्यों में अधिकांश समय कांग्रेस क्षेत्रिय दल और त्रिपुरा में कम्युनिस्टों का वर्चस्व रहा है। वैचारिक दृष्टि से विचार किया जाए तो भारत में तीन प्रकार के विचार प्रवाह रहे। आजादी के बाद से कांग्रेस ने सेक्युलर सिद्धांतों को वोट पर केंद्रित कर इसे तुष्टिकरण में बदल दिया। इसी तुष्टिकरण की कलम से लेकर आतंकवाद, वंशवाद और जातिवाद की इबारत लिखी गई।

साम्यवाद का विचार आयातित था इसलिए ये विचार कभी भारत की माटी में समरस नहीं हो सकते, जिस तरह मार्क्सवादी विचारों में माओ, स्टालिन की एक दलीय तानाशाही पैदा हुई। इनके नाम से हुई कथित क्रांतियां जिन्हें आधिपत्य के लिए लाखों लोगों का खून बहाना कहना होगा। साम्यवादी विचार की इबारत भी मानवीय खून से लिखी गई। भारत में वामपंथी विचारों का प्रभाव पहले पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में रहा। कमोबेश देश के श्रमिक क्षेत्र में भी प्रभाव रहा, जिस तरह सोवियत संघ के विघटन के बाद दुनिया के अधिकांश देशों ने इस विचार को मानव विरोधी करार देते हुए नकार दिया। भारत में भी पश्चिम बंगाल की जनता ने करीब साढ़े तीन दशक की वामपंथी सरकार को उखाड़ फेंका। त्रिपुरा में राष्ट्रभाव से प्रेरित भाजपा की बाल सेना ने गत 25 वर्षों से जमी कम्युनिस्टो की माणिक सरकार को उखाड़ फेंका। अब त्रिपुरा पूर्वोत्तर क्षेत्र में लाल सलाम की जगह वंदे मातरम भारत माता की जय के नारे गुंज रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 2013 के चुनाव में त्रिपुरा में 50 उम्मीदवार खड़े किए थे। इनमें से 49 की जमानत जब्त हो गई थी। एक की जमानत बची थी और केवल 1.5 प्रतिशत मत मिले थे। 5 वर्ष में लम्बी छलांग लगाते हुए भाजपा ने 60 में से 43 सीटें जीतकर करीब 50 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। यह भी क्रांतिकारी वैचारिक बदलाव है। आज देश के 77 प्रतिशत क्षेत्र और 20 राज्यों का भगवाकरण हो गया है। वहां भाजपा की सरकारें हैं। कांग्रेस के पास केवल 4 राज्य बचे हैं, जबकि कम्युनिस्टो के वर्चस्व का केवल केरल बचा है।


-महेश चन्द्र गुप्ता

Updated : 6 March 2018 12:00 AM GMT
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