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संजय की करिश्माई छलांग से सिंधिया समर्थक सदमे में

संजय की करिश्माई छलांग से सिंधिया समर्थक सदमे में
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कांग्रेस कार्यालय के दरवाजे बंद, नहीं हुआ स्वागत

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। ग्वालियर चंबल अंचल में पहले कै. माधवराव सिंधिया और अब सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की मर्जी के बगेर कांग्रेस में पत्ता भी नहीं हिल सकता। यदि कोई नेता किसी दूसरे गुट के जरिए टिकट अथवा पद ले भी आता है तो उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाता। युवक कांगे्रस के लोकसभा अध्यक्ष संजय यादव द्वारा सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के जरिए राष्ट्रीय सचिव का पद पाना एक करिश्माई छलांग माना जा रहा है। इसे सिंधिया समर्थक कतई नहीं पचा पा रहे। यही कारण है कि संजय के युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बने एक सप्ताह से भी ऊपर हो जाने के बाद जिला कांग्रेस कार्यालय में उनके स्वागत सत्कार में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। इसके पीछे सिंधिया के पीए द्वारा सख्त शब्दों में स्थानीय कांगे्रस नेताओं को हिदायत दी गई है कि वे यादव के स्वागत में कोई कार्यक्रम न करें।

वैसे कांगे्रस में एकता के नारे बडेÞ नेता ही देते आ रहे हैं और कई बार मंच साझा कर हाथ में हाथ डालकर फोटो सेशन भी होते रहे हैं। इसके बावजूद गुटबाजी में कहीं कोई कोर कसर नहीं है। जिसे देखो वह किसी बडेÞ कांग्रेस नेता की अंगुली पकड़कर आगे बढ़ना चाहता है। ग्वालियर चंबल संभाग में लोकसभा, विधानसभा टिकट के अलावा जिलाध्यक्ष अथवा किसी भी पद की बात की जाए तो उसे सिंधिया दरबार में ढोक लगाना ही होगी। हालांकि कुछ अपवाद है जो दूसरे नेताओं के जरिए इस तरह के पद पा जाते है। लेकिन इन्हें कभी सिंधिया का बदरहस्त प्राप्त नहीं होता।

सूत्रों के मुताबिक हाल ही में संजय यादव कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी के जरिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से नजदीकि बढ़ाने में कामयाब रहे हैं। इसीलिए उनकी ड्यूटी गुजरात चुनाव में लगाई गई। बाद में राहुल गांधी ने उन्हें अपने दिल्ली आवास पर चाय पर भी बुलाया। इसके बाद अब यादव को युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। ग्वालियर के कांग्रेस नेता को राष्ट्रीय स्तर का पद मिलना अपने आप में महत्वपूर्ण है। लेकिन सिंधिया समर्थक इसे गुटबाजी से जोड़कर देख रहे हैं। उन्हें यादव का जीतू पटवारी के जरिए पद हांसिल करना रास नहीं आ रहा है। क्योंकि कांगे्रस खेमे में पटवारी को सिंधिया विरोधी माना जाता है। यही कारण है कि संजय यादव के लिए जिला कांग्रेस कार्यालय के दरवाजे बंद हैं। और तो और सिंधिया के पीए ने भी साफ शब्दों में कांग्रेस नेताओं से कह दिया है कि वह उसे कोई तबज्जों न दें।

जिसने की खिलाफत वह रहा हासिए पर

ग्वालियर का इतिहास गवाह है कि जिसने भी सिंधिया परिवार की खिलाफत ही उसे हांसिए पर ही रखा जाता रहा है। यह गुटबाजी अर्जुन सिंह, शुक्ल बंधु, दिग्विजय सिंह के समय से शुरू होकर प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव और राहुल सिंह के रहते आज भी बरकरार है। जो लोग उक्त नेताओं से जुडेÞ हैं, उन्हें सिंधिया दरबार में तिरछी नजरों से देखा जाता है।

इनका कहना है

मेरी आस्थाएं पूरी तरह सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया में हैं, मुझे समय नहीं मिला इसलिए मैं कांगे्रस कार्यालय नहीं जा पा रहा।

संजय यादव
नवनियुक्त राष्ट्रीय सचिव कांगे्रस


Updated : 6 March 2018 12:00 AM GMT
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