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साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी का लिखा बहुचर्चित पत्र 32 लाख रुपये में बिका

साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी का लिखा बहुचर्चित पत्र 32 लाख रुपये में बिका
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लॉस एंजेल्स। ईसा मसीह को लेकर लिखे गए महात्मा गांधी का बहुचर्चित पत्र अंतत: 32 लाख रुपये में बिक गया। इस पत्र में ईशु को मानवता का एक महान गुरु बताया गया है। पत्र के ख़रीदार ने अपना नाम उजागर नहीं किया है।
अंग्रेज़ी भाषा में टाइप और गहरी श्याही में महात्मा गांधी के हस्ताक्षर युक्त यह दुर्लभ पत्र कई दशक से पेनसिलवेनिया के ‘रॉब संग्रहालय’ में मौजूद था। संग्रहालय के मुखिया नाथन रॉब ने कुछ दिन पहले ही इस पत्र की नीलामी की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी दावा किया है कि यह पत्र इसलिए दुर्लभ है कि ईशु के बारे में गांधी के विचार अन्यत्र उजागर नहीं हुए हैं।

साबरमती आश्रम से 6 अप्रैल, 1926 को अमेरिका के एक धार्मिक गुरु मिल्टन न्यूबेरी फ्रैंटज के नाम लिखे गए पत्र में महात्मा गांधी ने ईशु और ईसाइयत के बारे में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है। एक हिंदू होते हुए गांधीजी ने जवाब में लिखा है कि ईशु में उनका विश्वास मानवता के एक गुरु के तौर पर था।

गांधी जी ने आगे स्पष्ट किया है कि धार्मिक एकता एक व्यक्ति विशेष के लिए यंत्रवत मान्यता नहीं हो कर परस्पर सद्भावना पर आधारित है। मनुष्य में मतभेद अरसे से चले आ रहे हैं, लेकिन इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है, क्योंकि मानव आपसी प्रेम और सद्भावना की डोर में बंधा हुआ है।

Updated : 9 March 2018 12:00 AM GMT
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