Home > Archived > टूट गई वडाली बंधुओं की जोड़ी, उस्ताद प्यारे लाल वडाली का निधन

टूट गई वडाली बंधुओं की जोड़ी, उस्ताद प्यारे लाल वडाली का निधन

टूट गई वडाली बंधुओं की जोड़ी, उस्ताद प्यारे लाल वडाली का निधन
X

चंडीगढ़। सूफी गायकी को सात समुंदर पार ले जाने वाले वडाली बंधुओं की जोड़ी आज उस समय टूट गई जब उस्ताद पूरण चंद वडाली के भाई उस्ताद प्यारे लाल वड़ाली का अमृतसर अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलने के बाद संगीत जगत और उनके फैंस में शोक की लहर फैल गई। प्यारे लाल वडाली 75 वर्ष के थे। प्यारे लाल वडाली के निधन की पुष्टि उनके भतीजे लखविंदर वडाली ने की है। बताया कि जा रहा है प्यारे लाल वडाली को तीन दिन पहले दोनों किडनी फेल हो जाने कारण अमृतसर के अस्पताल दाखिल करवाया गया था।

हालांकि उनके किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर की तलाश की जा रही थी लेकिन डोनर न मिलने कारण उनका आज सुबह देहांत हो गया। प्यारे लाल वडाली का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव गुरु की वडाली में किया जाएगा। बता दें अमृतसर के ही एक गांव के निवासी वडाली बंधु अपने पंजाबी-सूफी गायन की वजह से देश-विदेश में काफी मशहूर रहे हैं। वडाली बंधु काफिया,गजल और भजन गाने में अच्छे-अच्छों को चुनौती देते थे। बॉलीवुड में वडाली बंधुओं के चर्चित गाने 'ऐ रंगरेज मेरे और इक तू ही तू, तू माने या ना माने मेरे यारा असां ते तेनू रब्ब मनया' हिट गीतों से वडाली बंधु लोगों के दिलों पर राज कर रहे थे।

मशहूर सूफी गायन की वजह से 1992 में केन्द्र सरकार द्वारा संगीत नाटक अवार्ड, 1998 में तुलसी अवार्ड, 2003 में पंजाबी संगीत अवार्ड, 2005 में पदमश्री से सम्मानित किया गया। वडाली बंधुओं ने बुल्ले शाह,कबीर,अमीर खुसरो और सूरदास के पदों को अपने संगीत में पिरोया। उन्होंने गुरबाणी के अलावा गजल और भजन भी गाए। 2003 में वडाली बंधुओं की बॉलिवुड में एंट्री हुई थी। फिल्म पिंजर में उन्होंने गुलजार का लिखा हुआ गाना गया था। इसके अलावा उन्होंने धूप, तमिल फिल्म चिक्कू बुक्कू, तनू वेड्स मनू और मौसम फिल्म के लिए भी गाने गाए थे। पदमश्री पूरण चंद व प्यारे लाल वडाली बंधु भारतीय सूफी गायक जोड़ी थी। इस जोड़ी का संबंध समरपित वंश की पांचवीं पीढ़ी से है।

Updated : 9 March 2018 12:00 AM GMT
Next Story
Top