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सीबीएसई पेपर लीक: कोचिंग सेंटर मालिक और 2 टीचर गिरफ्तार

सीबीएसई पेपर लीक: कोचिंग सेंटर मालिक और 2 टीचर गिरफ्तार
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नई दिल्ली। सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक कोचिंग सेंटर का मालिक है और दो टीचर हैं। पहले पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया था और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों टीचर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते है और उनका नाम ऋषभ और रोहित हैं। हालांकि, पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किय है कि दोनों टीचर कौनसी स्कूल में पढ़ाते है। वहीं, पकड़े गए कोचिंग सेंटर के मालिक का नाम तौकीर है। पुलिस ने बताया कि दो तरीके से पेपर लीक किया गया था। एक प्रिंट और दूसरा हाथों से लिखा गया था।

12वीं के इकोनॉमिक्स का प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से पहले डेढ़ घंटे पहले लीक किया गया था। पेपर सुबह 9.45 बजे शुरू होना था, लेकिन इन लोगों ने 8.15 मिनट पर पेपर लीक कर दिया। दोनों अध्यापकों ने पेपर की फोटो खींच तौकीर को भेजी थी। तौकीर दिल्ली के बवाना में कोचिंग सेंटर चलाता है। आपको बता दें कि ये गिरफ्तारी सिर्फ इकनॉमिक्स पेपर को लेकर हुई है। हालांकि, अभी तक ये पता नहीं पता चल पाया है कि गणित का पेपर किसने लीक किया था। इससे पहले शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली के बवाना में तीन स्कूलों के एक प्रिंसिपल और 6 टीचरों से पूछताछ की थी। इन सभी पर सीबीएसई क्वेश्चन पेपर को वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल करने का आरोप है। पुलिस अब तक 60 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इस पूछताछ में 53 छात्र भी शामिल हैं। इस पेपर लीक मामले में झारखंड पुलिस ने चतरा से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, 9 नाबालिग भी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। पुलिस का कहना है कि ये छात्र 10वीं के गणित परीक्षा के दौरान हल प्रश्नपत्र लेकर परीक्षा में बैठे थे। इधर, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं के गणित विषय के प्रश्न-पत्र लीक होने पर बोर्ड द्वारा उसकी दोबारा परीक्षा कराने के फैसले को केरल के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। छात्र ने प्रश्न-पत्र के मात्र दिल्ली में ही लीक होने की खबरों के बाद याचिका दायर की।

कोच्चि में चॉइस स्कूल के छात्र रोहन मैथ्यू ने तर्क दिया है कि पुनर्परीक्षा का फैसला संविधान के अनुच्छेद 14 (कानूनी समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और आजादी का अधिकार) और अनुच्छेद 21ए (शिक्षा का अधिकार) का उल्लंघन कर मनमाने और अवैध तरीके से लिया गया है। उन्होंने याचिका में सीबीएसई को 28 मार्च को हुई 10वीं की गणित की परीक्षा का मूल्यांकन कर 10वीं का परिणाम घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। मैथ्यू ने कहा है कि पुनर्परीक्षा के तथ्यों और परिस्थितियों की समीक्षा करने के लिए एक विशेष उच्चाधिकार समिति गठित की जानी चाहिए। छात्र ने केरल हाईकोर्ट में वकालत करने वाले अपने पिता के माध्यम से याचिका दायर करते हुए कहा है कि 16 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

Updated : 1 April 2018 12:00 AM GMT
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