एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की मांग में चार गुणा इजाफा
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नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के प्रयासों से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों के प्रकाशन और मांग में इस वर्ष चार गुणा वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों के स्थान पर एनसीईआरटी की किताबों को तरजीह देने के लिए स्कूलों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया था| केवल उन्हें आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि पहले केवल 1.5 करोड़ एनसीईआरटी किताबों की मांग थी| अब यह आंकड़ा बढ़कर 6 करोड़ पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर से उन्हें उत्साहजनक समर्थन मिला है।
अपने मंत्रालय की वर्षभर की उपलब्धियां गिनाते हुए जावड़ेकर ने कहा कि यह साल शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और स्वायत्तता के नाम रहा। उन्होंने कहा कि इस साल संसद ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) विधेयक को पास कर दिया| इससे देश के सभी 20 आईआईएम अब स्वायत्त हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आमतौर सरकार की प्रवृति अधिकार छोड़ने की नहीं होती लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस दिशा में अनूठी पहल करते हुए शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता की दिशा में ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा कि अब एक भी फाइल लेकर उन्हें मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा माइक्रोसॉफ्ट की मदद से तैयार किया गया ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ‘स्वयं’ शुरू किया गया था इसमें वर्तमान में 600 कोर्स उपलब्ध हैं| इससे अब तक 17 लाख लोग जुड़ चुके हैं। इसके अलावा छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए 13 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य जारी है।