Home > Archived > करोड़ों की सब्सिडी डकार भाग गर्इं 39 कंपनियां

करोड़ों की सब्सिडी डकार भाग गर्इं 39 कंपनियां

करोड़ों की सब्सिडी डकार भाग गर्इं 39 कंपनियां
X


ग्वालियर।
बेरोजगारी दूर करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में स्थापित की गई लगभग तीन दर्जन से अधिक कंपनियां करोड़ों की सब्सिडी डकार कर भाग गईं हैं। औद्योगिकीकरण के नाम पर 90 के दशक में मालनपुर और बानमोर में सैंकड़ों कंपनियों ने यहां डेरा डाला था और तब तक चलीं जब तक कि सब्सिडी और शासन से सुविधाएं मिलती रहीं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उद्योग विभाग द्वारा इन कंपनियों को बसाने के लिए लीज पर जमीन उपलब्ध कराकर लगभग पांच प्रतिशत तक की सब्सिडी बैंक ऋण ब्याज में प्रदान की जाती है। वहीं बैंक प्रबंधन द्वारा भी इन कंपनियों को आसान किश्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जानकारी के अनुसार इन कंपनियों को जब तक लाभ होता है तब-तक तो इन्हें चलाती हैं। फिर इसके बाद इन कंपनियों को शिफ्टिंग करके और सब्सिडी का लाभ लेकर बंद कर देती हैं। इस दौरान कंपनी संचालकों द्वारा कंपनी के महत्वपूर्ण उपकरणों को भी बेच दिया जाता है। अंत: में उस स्थान पर कबाड़ और जमीन ही रह जाती है जिसे कोई खरीदने वाला नहीं होता है। इन्ही सब कारणों के कारण ग्वालियर शहर रोजगार की दृष्टि में आज तक उभर नहीं पाया है और यहां के नौजवान दूसरे शहर, राज्य और विदेशों में जाकर नौकरी करने को मजबूर हैं।
मुख्य समस्या रिहायशी क्षेत्र न होना:- उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मालनपुर क्षेत्र अभी तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाया है। इस क्षेत्र में बाजार व मूलभूत सुविधाओं की कोई खास व्यवस्था नहीं है। इसी के साथ यहां रिहायशी क्षेत्र भी नहीं है। रिहायशी क्षेत्र नहीं होने के कारण वहां काम करने वाले लोगों को प्रतिदिन 25 से 50 किलोमीटर तक अप एण्ड डाउन करना पड़ता है। अधिकारियों का कहना है कि इन कंपनियों को शहर में मार्केटिंग की समस्या का भी आए दिन सामना करना पड़ता है। इन सभी कारणों के कारण कंपनियां बंद हो रही हैं।

बंद होने के यह कारण भी

औद्योगिक क्षेत्र की दृष्टि से मालनपुर क्षेत्र तेज गति से विकास नहीं कर पा रहा है। मालनपुर क्षेत्र में इन कंपनियों के बन्द होने के कुछ अन्य कारण और भी हैं। उद्योगपतियों से मिली जानकारी के अनुसार मालनपुर क्षेत्र में व्यापारियों के लिए अब तक फायर स्टेशन नहीं बन पाया है। वहीं इस क्षेत्र के असामाजिक तत्वों द्वारा कंपनी संचालकों को श्रमिकों के नाम पर परेशान भी किया जाता रहा है।

बंद होने वाली कम्पनियां

मालनुपर क्षेत्र में हॉट लाइन ग्लास लिमि., हॉटलाईन टेली ट्यूब लिमि., मालनपुर लेदर, एटलस साइकिल, परफेक्ट ट्रग्स, प्रोमीनेंट सीमेंट प्रा.लि., ग्वालियर पोलीपाइप, सिटी कॉटन यार्न, हेमिलटन शूज, एम.पी. आयरन एवं ऊषा मेटल प्रा.लि. आदि शामिल हैं।

जीएसटी ला सकता है कुछ सुधार

उद्योगपतियों का कहना है कि एक जुलाई से जीएसटी लागू हो चुका है। इसका असर अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है। संभवत: एक या दो वर्ष में मालनपुर क्षेत्र में कंपनियों की स्थिति में सुधार आ सकता है।

चालू नई कंपनियां

आर सार्इं फूड इण्डिया प्रा. लि., एस.एस. मोटर्स, जमुना आॅटो, लोकपाल इन्टरप्राइजेज, यूरोटिक, इण्डियन आॅयल कॉर्पोरेशन, मेटल फोरमेशन, पावर पोल, एस.एम. इण्डिया, सिकरवार प्लास्टिक लिमिटेड, न्यूरोट्रेक इंजीनियरिंग प्रा.लि.।

चालू बड़ी पूर्व इकाइयां

एसआरएफ लि., सूर्या रोशनी लिमिटेड, फ्लेक्स केमीकल, सुप्रीम इण्डस्ट्रिज लि., स्टरलिंग एग्रो लि., क्रॉम्पटन ग्रीव्ज, विक्रम वूलन लिमि., रेनबेक्सी, गेल इण्डिया, रेवा, सूर्या रोशनी हाईमास्ट, पुंजलाइट, केडबरी, मारबल विनायक, गोदरेज कंज्यूमर, एग्जोनोबल इण्डिया लिमि., सुप्रीम बिनाइल, हिमालयन एल्स प्रा. लि. आदि शामिल हैं।

मालनपुर क्षेत्र की मुख्य समस्याएं

-इस क्षेत्र में बिजली ट्रेपिंग की समस्या अधिक है।
-बाहर से आने वाले कच्चे माल पर कर का अधिक होना।
-श्रमिकों की समस्या।
-लेण्ड यूज पॉलिसी का खराब होना।
-शिक्षित इंजीनियरों का नहीं होना।

इनका कहना है

‘मालनपुर में पहली जैसी समस्याएं नहीं रही हैं। यहां तीव्र गति से विकास हो रहा है। हम लोग भी उक्त क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं और उद्योगपतियों से संपर्क कर रहे हैं। यहां अब नई कंपनियां भी आना शुरू हो गई हैं। जो कंपनियां बंद हुईं उनके अपने अलग-अलग कारण रहे हैं।’

डॉ. सतेन्द्र सिंह
प्रबंध संचालक, आईआईडीसी

‘जो कंपनियां बंद हुई हैं वह वर्ष 2010 के पहले वहां की स्थानीय समस्याओं व सिक्योरिटी नहीं होने के कारण बंद हुई हैं। वर्तमान में वहां की स्थितियों में सुधार आ रहा है। सरकार भी सुधारात्मक कार्य कर रही है। ’
जगदीश मित्तल

सचिव, ग्वालियर इण्डस्ट्रिज एसोसिएशन

Updated : 7 Dec 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top