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हजारों योग्य छात्र मेडिकल सीटों पर दाखिले से वंचित हो गए

व्यापमं घोटाला : न्यायालय की तीखी टिप्पणी
जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को व्यापमं घोटाले के 6 रसूखदार आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जियों पर सुनवाई करते हुए बेहद तल्ख टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि व्यापमं जैसे बड़े घोटाले की वजह से हजारों योग्य छात्र मेडिकल सीटों पर दाखिले से वंचित हो गए और अयोग्य छात्र पैसे के बल पर सीट हासिल करने में कामयाब हो गए।यह बेहद चिंताजनक बात है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अमूमन ऐसे बड़े घोटालों में ट्रायल के दौरान अमीर आरोपी तो बचकर निकल जाते हैं, लेकिन गरीब आरोपी फंस जाते हैं। इसका दुखदायी नतीजा यह होता है कि समाज के सामने न्यायिक व्यवस्था पर अंगुली उठना शुरू हो जाती है।

तीन की बहस पूरी, तीन की सुनवाई 13 को

उच्च न्यायालय ने लंबी बहस सुनने के बाद व्यापमं घोटाले के तीन रसूखदार आरोपियों डॉ. दिव्य किशोर सत्पथी, जय नारायण चौकसे और डॉ.अजय गोयनका की ओर से दिल्ली से आए वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी व प्रवीण पारेख की बहस पूरी सुनने के बाद सीबीआई की ओर से विरोध में दी गई दलीलों को पूरा सुना। इसी के साथ तीनों अग्रिम जमानत अर्जियों पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया। जबकि पूर्व संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा एनएम श्रीवास्तव के अलावा निजी मेडिकल कॉलेजों से संबंधित रसूखदार आरोपी डॉ. विजय कुमार पंड्या व डॉ. विजय कुमार रमानी की अग्रिम जमानत अर्जियों पर आगे की बहस 13 दिसम्बर के लिए टाल दी गई।

Updated : 7 Dec 2017 12:00 AM GMT
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