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पूर्व शिक्षा मंत्री रवीन्द्र शुक्ल डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित

पूर्व शिक्षा मंत्री रवीन्द्र शुक्ल डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित
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हरियाणा के चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के प्रथम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने नवाजा सम्मान से
झांसी। हरियाणा के चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के प्रथम दीक्षांत समारोह में देश के प्रख्यात साहित्यकार और शिक्षाविद उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाँसी निवासी रवीन्द्र शुक्ल को डी.लिट. अर्थात डॉक्टर आफ लिटरेचर की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।

अत्यन्त भव्य और गरिमामय कार्यक्रम के मुख्यअतिथि हरियाणा राज्य के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी रहे। दीक्षांत संबोधन पद्म विभूषण और देश के पूर्व मानव संसाधन मंत्री प्रो. मुरली मनोहर जोशी द्वारा दिया गया। हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामविलास शर्मा क्षेत्र के सांसद धर्मवीर सिंह, भिवानी के विधायक श्री घनश्याम सर्राफ, विशिष्टï अतिथि के रूप में मंच की शोभा बढ़ा रहे थे।

रवीन्द शुक्ल को भी विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमा प्रदान की गई। सबसे पहले मुख्यअतिथि राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्य वक्ता डा. मुरली मनोहर जोशी, हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामविलास शर्मा तथा कुलपति सहित अन्य सभी अतिथियों द्ववारा श्री रवीन्द्र शुक्ल को डी.लिट. की उपाधि से विभूषित किया गया। उपाधि प्राप्त करने के बाद दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये डी.लिट. उपाधि प्राप्त रवीन्द्र शुक्ल ने विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हुये शिक्षक के उन्नयन के लिये सदैव विश्वविद्यालय को अपना समय देने का संकल्प दोहराया। समारोह को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ योनि मनुष्य की है। पूर्व जन्म के तप के कारण ही हमें मनुष्य योनि प्राप्त हुई है। मनुष्य योनि को नर से नारायण बनने की शक्ति प्राप्त है। अत: हम सब मानवीय जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतार कर अपना विकास करें और समाज तथा राष्टï्र के लिये उपयोगी सिद्घ हों। डी.लिट. की उपाधि प्रदान करने से पहले रवीन्द्र शुक्ल का विशद परिचय कुलसचिव श्री भगवान सिंह द्वारा कराया गया। कुलपति श्री एस.के.गक्खड़ ने सभी अतिथियों का अभिनन्दन करते हुये रवीन्द्र शुक्ल को विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित डी.लिट. की उपाधि स्वीकार करने का आभार जताया।

इस मौके पर विश्वविद्यालय की टॉपर केमिस्ट्री विभाग की कीर्ति को ट्रस्ट की ओर से 11000 रुपये नकद पुरस्कार राशि भेंट की गई। कार्यक्रम में 183 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की गई। जिसमें 18 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडेल दिये गये।


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तथा विशिष्टï अतिथि मुरली मनोहर जोशी पूर्व मानव संसाधन एवं विकास मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थी शैक्षणिक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करें। जिससे वे निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो सकें। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. गक्खड़ ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की, उन्होंने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने विद्यार्थियों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। शिक्षा मंत्री प्रो0 रामबिलास शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों ने इस दीक्षांत समारोह के उपरांत अपने जीवन की एक सीढ़ी पार कर ली है अब उन्हें दूसरे पड़ाव के लिए उन्हें तत्पर रहना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, संस्कार व संस्कृति हमारे देश का पेटैंट है। युवाओं को मानव निर्माण के कार्य पर बल देते हुए समाज में अनुकरणीय कार्य करना चाहिए। आभार कुलसचिव द्वारा दिया गया। समारोह में अनेक कुलपति, शिक्षाविद् एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तथा विशिष्टï अतिथि मुरली मनोहर जोशी पूर्व मानव संसाधन एवं विकास मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थी शैक्षणिक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करें। जिससे वे निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो सकें। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. गक्खड़ ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की, उन्होंने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने विद्यार्थियों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। संचालन बायोटेक विभाग की डॉक्टर मोनिका मिगलानी द्वारा किया गया।

Updated : 13 May 2017 12:00 AM GMT
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