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भिंड-इटावा रेल मार्ग पर कब बढ़ेगी ट्रेनों की संख्या!

भिंड-इटावा रेल मार्ग पर कब बढ़ेगी ट्रेनों की संख्या!
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रेलवे बोर्ड नहीं ले रहा ट्रेनों को बढ़ाने में रूचि

ग्वालियर । उत्तर मध्य रेलवे के भिंड-इटावा रेल खंड को शुरू हुए एक लंबा अरसा बीत गया है। लेकिन अभी तक इस रेल मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ती नजर नहीं आ रही है। रेलवे बोर्ड भी इस मामले में कोई विशेष रूचि नहीं ले रहा है। जबकि इस रेल खंड पर कुछ एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड तक पहुंच तो गया है, लेकिन उस पर स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। गुना से इटावा रेल मार्ग को शुरू करने के पीछे रेलवे की मंशा थी कि इस मार्ग के शुरू होने से रेल यात्रियों को इटावा से कानपुर, लखनऊ और हावड़ा जैसे स्टेशनों तक पहुंचाया जा सके। लेकिन रेलवे अपने इस मंसूबे में सफल होता नजर नहीं आ रहा है। अभी रेलवे ने इस रेल मार्ग पर सिर्फ एक ट्रेन चलाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। यह ट्रेन भी सिर्फ इटावा तक जाती है। ऐसी स्थिति में इस लाइन के शुरू होने के बाद भी यात्रियों को कानपुर, लखनऊ पहुंचने के लिए अधिक समय और अधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है।

1985 से चल रही थी कवायद:- 1985 में माधव राव सिंधिया की पहल पर इटावा-ग्वालियर और गुना तक रेलवे ट्रैक का सर्वे हुआ था, 1989 में भिंड-गुना वाया ग्वालियर लाइन पर काम शुरू हुआ और 2002 में ट्रेन चल पड़ी। 24 अगस्त 2002 को भिण्ड आई थी यात्री ट्रे्रन, और भिण्ड-इटावा टेÑक पर फरवरी 2015 में पहली माल गाड़ी शुरू हुई थी।

इन ट्रेनों के प्रस्ताव रेलवे बोर्ड पर अटके हैं

भिंड-इंदौर इंटरसिटी

यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन भिंड से चलती है और तीन दिन ग्वालियर से, इसे तीन दिन भिंड के आगे इटावा तक बढ़ाए जाने का प्रस्ताव जोनल मुख्यालय से भेजा गया है। इस ट्रेन को आसानी से इटावा तक बढ़ाया जा सकता है।
भिंड, इटावा, कानपुर सभी एनसीआर में:- ग्वालियर से लेकर भिंड, इटावा, कानपुर, लखनऊ उत्तर मध्य रेलवे के अंदर ही आते हैं। इसके बाद भी ट्रेनों को इटावा तक बढ़ाए जाने पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। सूत्रों की माने तो इलाहाबाद जोन के अधिकारी भी चाहते हैं कि भिंड-इटावा रेल मार्ग पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए, लेकिन प्रस्ताव भेजने के बाद गेंद रेलवे बोर्ड के पाले में है।

झांसी में हुई बैठक में कई बार उठी है ट्रेनों को बढ़ाने की मांग:- झांसी में आयोजित रेलवे की बैठकों में भिंड व ग्वालियर के जनप्रतिनिधियों ने भिंड-इटावा रेल मार्ग पर ट्रेनों के बढ़ाने की मांग की है, लेकिन उनकी मांग पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

ओखा एक्सप्रेस

अभी यह ट्रेन ग्वालियर से आगरा जाने के बाद इटावा जाती है, फिर वहां से कानपुर लखनऊ होते हुए गोरखपुर जाती है, इस ट्रेन को सीधे ग्वालियर से होते हुए भिंड-इटावा ले जाने का प्रस्ताव भेजा गया है, यह ट्रेन अगर सीधे इटावा जाए तो यात्रियों का समय और पैसे की बचत होगी।

सुशासन एक्सप्रेस

सुशासन एक्सप्रेस ग्वालियर से बलरामपुर के लिए प्रति बुधवार को चलती है और ग्वालियर से हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद होते हुए यह ट्रेन लखनऊ पहुंचती है। अभी इससे कानपुर पहुंचने में 13 घंटे लगते हैं, यह ट्रेन दिल्ली के बाद खाली जाती है। यदि यह भिंड-इटावा होते हुए चलने लगे तो यात्री सिर्फ 6.45 घंटे में लखनऊ पहुंच जाएंगे।

Updated : 14 July 2017 12:00 AM GMT
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