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विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार का साथ देने का दिलाया भरोसा

विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार का साथ देने का दिलाया भरोसा
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नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चीन के साथ सीमा पर गतिरोध तथा जम्मू एवं कश्मीर के हालात से विपक्षी नेताओं को अवगत कराया। बैठक में विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार को साथ देने का भरोसा दिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली मौजूद थे। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खडग़े व आनंद शर्मा तथा जनता दल (युनाइटेड) के शरद यादव व के.सी.त्यागी, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी तथा तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ब्रायन मौजूद थे।

हम आपको बता दें कि डोका ला में चीनी घुसपैठ पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर ने प्रस्तुति दी और सड़क निर्माण के जरिये चीन के असली इरादों की जानकारी दी। बैठक के बाद केंद्र सरकार के प्रमुख प्रवक्ता फ्रैंक नोरोहना ने कहा कि सभी दलों ने चीन और कश्मीर मुद्दे पर समर्थन करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक का मकसद अलग-अलग दलों के सांसदों को चीन के साथ 10 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के बाद स्थिति से अवगत कराना था।

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) के नेता ए.नवनीत कृष्णन ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि विदेश सचिव एस.जयशंकर ने भारत, चीन तथा भूटान के बीच ट्राई-जंक्शन के निकट डोकलाम में सैन्य गतिरोध पर एक प्रतिवेदन पेश किया। उन्होंने कहा कि गृह सचिव राजीव महर्षि ने जम्मू एवं कश्मीर के हालात पर एक प्रतिवेदन पेश किया। नवनीत कृष्णन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी केंद्र सरकार भारतीय भूभाग की अच्छे से रक्षा कर रही है और अमरनाथ यात्रा के संदर्भ में केंद्र सरकार यात्रियों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त कदम उठा रही है।’’

जानकारी मिली है कि बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार के समक्ष कुछ सवाल उठाए, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र सर्वोपरि है, फिर चाहे वह चीन का मुद्दा हो या कश्मीर। पार्टी ने सलाह दी कि सरकार राजनीति से ऊपर उठकर कूटनीतिक तरीके से इस मुद्दे का हल निकाले। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए, जिनका जवाब नहीं मिला। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार ने बैठक में इन मुद्दों पर उसके द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत चाहता है कि चीन पहले की स्थिति में वापस जाए। भारत लगातार चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर संपर्क में है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ब्रिक्स एनएसए बैठक के लिए इसी माह चीन जाने वाले हैं। इस बैठक के दौरान भारत अपना पक्ष चीन के सामने रखेगा। बताया जा रहा है कि बैठक में सरकार ने कहा कि चीन डोका ला क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की ताक में है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपने रणनीतिक हितों के लिए पीछे नहीं हटेगी। भारत को भरोसा है कि चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर इस मसले का हल जरूर निकाल लिया जाएगा।

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Updated : 15 July 2017 12:00 AM GMT
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