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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, विपक्ष सरकार को घेरेगी किसान से कश्मीर तक के मुद्दे पर

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, विपक्ष सरकार को घेरेगी किसान से कश्मीर तक के मुद्दे पर
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नई दिल्ली।
संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने किसान से लेकर चीन और कश्मीर तक के मुद्दों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर ली है। रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने इन मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने की मांग की है।

बता दें कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर विपक्ष सरकार के साथ है, लेकिन चीन के साथ तनातनी और कश्मीर के हालात व पुलिस की गोली से मारे जा रहे किसानों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।

गौरतलब है कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार ने विपक्ष को साधने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष ने साफ कर दिया कि देश की सुरक्षा से लेकर जनता के हितों से जुड़े मुद्दों पर संसद में तो बहस होनी ही चाहिए और जनता तक इसका जबाब पहुंचना चाहिए। बैठक के बाद सिंधिया ने कहा कि सभी दलों ने सरकार के सामने देश और जनता से जुड़े गंभीर मुद्दे रखे हैं। बाहरी सुरक्षा से आंतरिक सुरक्षा तक के हालात खराब हैं। चीन के साथ सीमा पर और कश्मीर के भीतर जो रहा है, वह चिंताजनक है। अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला कर रहे हैं और किसानों को पुलिस की गोली से मारा जा रहा है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बंदूक से कश्मीर का तनाव खत्म नहीं किया जा सकता है। सरकार ने बातचीत के रास्ते बंद कर दिए हैं। वहां राजनीतिक घुटन की स्थिति बनी हुई है। अगर सरकार बंदूक से रास्ता निकालने की बात सोचती है तो हम उसके साथ नहीं हैं। संसद के दोनों सदनों में इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया जाएगा। आजाद ने कहा कि विपक्ष संसद में बाधा डालने के पक्ष में नहीं है, लेकिन जब सरकार विपक्ष की उचित मांग पर भी ध्यान नहीं देती तो वे मजबूर हो जाते हैं।

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि मानसून सत्र में सरकार को महिला आरक्षण विधेयक पेश करना चाहिए। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने इसका वादा किया था। येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी इसे दोनों सदनों में उठाएगी। सरकार ने सत्र के लिए 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं, इसके अलावा कुछ विधेयक लंबित भी हैं, जबकि कामकाजी दिवस केवल 14 ही हैं।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, एचडी देवेगौड़ा, मुलायम सिंह यादव, शरद पवार , फारुख अब्दुल्ला, जयप्रकाश यादव समेत अधिकांश दलों के नेता मौजूद थे। लेकिन दो प्रमुख दलों तृणमूल कांग्रेस और जद(यू) का कोई नेता मौजूद नहीं था।

बताया जा रहा है कि संसद भवन के पुस्तकालय में हुई बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी नेताओं के साथ गुफ्तगू करते निकले। उनके साथ फारुख अब्दुल्ला, शरद पवार व अन्य नेता चल रहे थे। जब वे मीडिया के कैमरों के सामने से गुजर रहे थे तो किसी बात पर फारुख और मोदी ने ठहाका भी लगाया। अन्य नेता भी उस समय मुस्कुरा दिए।

Updated : 17 July 2017 12:00 AM GMT
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