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‘स्मरण प्रेमचंद्र’ में प्रकट होंगी साहित्य की सभी विधाएं

‘स्मरण प्रेमचंद्र’ में प्रकट होंगी साहित्य की सभी विधाएं
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-31 जुलाई से 32 दिवसीय विराट जयंती समारोह का आयोजन
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते अनिल शुक्ला, श्रुति सिन्हा, अनिल जैन आदि।
आगरा। भारतीय साहित्य व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं की जननी रही ताजनगरी में अभी तक का सबसे बड़ा साहित्य सम्मेलन होेने जा रहा है। विवि के पालीवाल पार्क कैंपस स्थित जुबली हाल में मुंशी प्रेमचंद्र की जयंती पर 31 जुलाई से 32 दिवसीय विराट जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसे स्मरण प्रेमचंद्र-2017 नाम दिया गया है।
शहर में शायद यह पहला मौका होगा, जब साहित्य जगत के इस पुरोधा को इतने बृहद स्तर पर याद किया जाएगा। गोष्ठियों, सेमिनार, नाटक, फिल्म और भगत आदि की प्रस्तुतियों से रचे 32 दिवसीय समारोह में देश के जाने-माने रंगकर्मी, साहित्यकार, लेखक व साहित्यकर्मी भागीदारी करेंगे। शुक्रवार को सुर आंनद सभागार में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए समिति के कोषाध्यक्ष अनिल शुक्ला का ने बताया कि कार्यक्रम कालेजों, साहित्यिक मंच सहित कई स्थानों पर किए जाएंगे।उन्होंने जानकारी दी कि स्मरण प्रेमचंद्र-17 में कहानी पाठ की नई परंपरा भी शुरू हो रही है। इसमें बच्चे मुंशी प्रेमचंद्र की नई परंपरा, ईदगाह, ठाकुर का कुआं व पूस की रात कहानियों का मंचन करेंगे।
साहित्यकार श्रुति सिन्हा ने बताया कि कार्यक्रम में रंगलीला, नागरी प्रचारिणी सभा, प्रगतिशील लेखक संघ, भारतीय जन नाट्य संघ, जनसंस्कृति मंच, जनमन संवाद केंद्र, शहीद सरदार, भगत सिंह स्मारक समिति, यादगार ए आगरा, केएमआई, जन कला मंच आदि संस्थाओं का सहयोग रहेगा। प्रेसवार्ता में ब्रजेश चंद्रा, ई. सुरेंद्र बंसल, डाॅ. प्रणवीर चैहान, वरिष्ठ हिन्दी आलोचक डाॅ. प्रियम अंकित, डाॅ. मधुरिमा शर्मा, डाॅ. नसरीन बेगम, अमीर अहमद, डाॅ. शशिकांत पांडे, सुरेंद्र जौहरी, वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल जैन, सुरेंद्र यादव आदि उपस्थित रहे।

Updated : 29 July 2017 12:00 AM GMT
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