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डोकलाम विवाद मामले में भारतीय सैनिकों ने ली पोजीशन

डोकलाम विवाद मामले में  भारतीय सैनिकों ने ली पोजीशन
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नई दिल्ली। डोकलाम के मुद्दे पर चीन की धमकियों को गंभीरता से लेते हुए भारत ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के समूचे इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चीन की हरकतों को ध्यान में रखते हुए सैनिकों को चौकन्ना रहने को भी कहा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि डोकलाम पर भारत के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख और धमकियों के मद्देनजर भारत-चीन की करीब 1400 किलोमीटर लंबी सीमा के पास के इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है। भारतीय थलसेना के सिलीगुड़ी में सुकना स्थित 33 कोर के साथ-साथ अरुणाचल और असम स्थित तीसरी और चौथी कोर को पूर्वी क्षेत्र में संवेदनशील सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि यह नहीं बताया गया कि कितने सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है।

बहरहाल, अधिकारियों ने कहा कि डोका ला में भारत-चीन-भूटान ट्राई जंक्शन पर सैनिकों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। डोका ला में करीब आठ हफ्ते से लगभग 350 जवान तैनात हैं। यह तैनाती उस वक्त से है जब भारतीय सैनिकों ने 16 जून को चीनी सेना को वहां एक सड़क बनाने से रोक दिया था। दरअसल, चीन पिछले कुछ हफ्तों से भारत से सेना हटाने की मांग कर रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की ओर से सैन्य कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है। उसने काला पानी और कश्मीर में चीनी सेना के घुस जाने की गीदड़भभकी भी दी है।

गौरतलब है कि भारत लगातार कूटनीतिक रास्ते से गतिरोध के हल पर जोर दे रहा है, लेकिन चीन की बयानबाजी और सीमा पर गतिविधियों को देखकर वह कोई जोखिम नहीं मोल नहीं लेना चाहता। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले हफ्ते संसद में कहा था कि दोनों पक्षों को पहले अपनी-अपनी सेना हटानी चाहिए, तभी कोई बातचीत हो सकेगी।

बता दें कि रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, स्थानीय मौसम से तालमेल बिठा चुके जवानों सहित करीब 45 हजार जवानों को हर वक्त सीमा पर तैयार रखा जाता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि उन्हें तैनात किया ही जाए। समुद्र तल से नौ हजार फुट से भी ज्यादा की उंचाई पर तैनात सैनिकों को मौसम से तालमेल बिठाने की 14 दिन लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है ।

चीन ने डोकलाम क्षेत्र में समझौते के तहत पीछे हटने की खबरों को खारिज किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ जियाझुओ ने उन रिपोर्टों को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि भारत के अपने सैनिकों को 250 मीटर पीछे हटाने के प्रस्ताव के जवाब में चीन ने अपने सैनिकों को 100 मीटर पीछे ले जाने का प्रस्ताव दिया है। चीन ने कहा कि वह अपनी सीमा की सुरक्षा से किसी भी हालत में समझौता नहीं करेगा। झाओ ने भारत की मांग को अतार्किक बताया।

Updated : 12 Aug 2017 12:00 AM GMT
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