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350 हेक्टेयर से अकेले जैन बंधु निकालेंगे पत्थर

350 हेक्टेयर से अकेले जैन बंधु निकालेंगे पत्थर
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-खनिज विभाग में बेशर्मी से खेला जा रहा है सांठगांठ और रिश्वतखोरी का खेल
ग्वालियर। ग्वालियर खनिज विभाग में अधिकारी रिश्वतखोरी का खेल कितनी बेशर्मी के साथ खेल रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां वास्तविक खनिज कारोबारियों को जहां एक-एक लीज कराने में पसीने छूट रहे हैं। वहीं अधिकारियों को रिश्वत के टुकड़े डालने वाले खनिज माफिया को गांव-गांव से खोजकर खनन क्षेत्रों में लीज आवेदन कराए जा रहे हैं। ग्वालियर में बिलौआ सहित कुछ अन्य स्थानों पर काले पत्थर की खदानें संचालित करने वाले खनिज कारोबारी जेजे ग्रेनाइट के संचालक आर.सी.जैन और उनके परिजनों के नाम से वर्ष 2016 में ही जिले में करीब 350 हैक्टेयर परिक्षेत्र में 44 आवेदन कराए गए हैं। खास बात यह है कि खनिज अधिकारी ने इनमें से आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। जबकि शेष आवेदनों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है।

क्या है सैद्धांतिक सहमति का खेल :-खनिज पट्टे पर सैद्धांतिक सहमति अर्थात ऐसी खनिज लीज जिस पर संबंधित ठेकेदार द्वारा दस्तावेजी पूर्ति नहीं किए जाने के बाद भी उसे एकाधिकार सौंप दिया जाता है। इस खनिज लीज पर दूसरा आवेदक न तो आवेदन कर सकता है न ही आपत्ति। सैद्धांतिक सहमति के बाद ठेकेदार को दस्तावेजी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए अधिकतम छह माह का समय दिया जाता है। इस अवधि में अगर दस्तावेजी खानापूर्ति नहीं हो पाती है तो नियमानुसार उस ठेकेदार की खनिज लीज के आवेदन को निरस्त कर दिया जाना चाहिए। हालांकि खनिज अधिकारी विशेषाधिकार का उपयोग कर सैद्धांतिक लीज की अवधि को आगे भी बढ़ा सकते हैं। खनिज विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि खनिज ठेकेदार आर.सी.जैन ने अपने परिजनों के नाम से जिन 44 स्थानों पर एवं लगभग 350 हैक्टेयर परिक्षेत्र पर लीज आवेदन किए हैं। अगर इन सभी आवेदनों पर एक साथ खनन स्वीकृति दी जाए तो ठेकेदार के लिए खनन कारोबार कर पाना संभव ही नहीं है। इस कारण अधिकारियों से सांठगांठ कर अधिकांश स्थानों पर तो सिर्फ आवेदन कर आरक्षित कर दिया गया है। जबकि कई स्थानों पर सैद्धांतिक सहमति लेकर खनन क्षेत्रों पर एकाधिकार किया जा रहा है। स्वयं जिला खनिज अधिकारी ऐसे ठेकेदारों को आवेदन से लेकर स्वीकृति तक पूरा सहयोग करते हैं। इस सांठगांठ के चलते मनचाही रिश्वत नहीं दे पाने वाले खनिज ठेकेदार खदान स्वीकृत कराने से वंचित रह जाते हैं। मजबूरी में यह इन खनन माफियाओं से महंगे दामों पर खदानें खरीदकर अथवा मोटी रकम देकर इनके सहकारोबारी बनते हैं, फिर अपना कारोबार करते हैं।

तत्कालीन जिलाधीश ने लगाई थी फटकार

खनन ठेकेदार आर.सी.जैन और उनके परिजनों के नाम से वर्ष 2016 में जिले में 350 हैक्टेयर से अधिक खनन क्षेत्र में लीज आवंटन के आवेदन स्वीकृत किए जाने एवं उन्हें लीज आवंटन की प्रक्रिया तेजी से किए जाने की जानकारी तत्कालीन जिलाधीश संजय गोयल के संज्ञान में आई तो उन्होंने खनिज अधिकारी मनीष पालेवार को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई थी। फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा था कि क्या सिर्फ एक ही ठेकेदार को ग्वालियर जिले का खनन कारोबार सौंप दोगे। हालांकि इस फटकार का भी खनिज अधिकारी पर कोई असर नहीं पड़ा।

यहां लगे जैन परिवार के लीज आवेदन

आदित्य जैन-काला पत्थर -गुंधारा - 8.650 हैक्टे., श्रीमती सरोज जैन-काला पत्थर- बंधौली- 20.219 है., श्रीमती प्रियंका जैन-काला पत्थर- बिलारा- 6.290 है., श्रीमती स्वाति जैन-काला पत्थर- बैनीपुरा-1.360 है., श्रीमती मधु जैन-काला पत्थर-बंधौली-24.921 है., श्रीमती प्रीति जैन- काला पत्थर- जिगनिया- 1.724 है., अनिल कुमार-काला पत्थर-नयागांव-40.921 है., श्रीमती आशा जैन-काला पत्थर-बेरजा-13.450 है., श्रीमती सरोज जैन-काला पत्थर-देवगढ़-2.96 है., मधु जैन-काला पत्थर- बेरजा-10.032 है., श्रीमती सरोज जैन-काला पत्थर-काला पत्थर-बेरजा-11.609 है., श्रीमती आशा जैन-पत्थर-पार-11.295, श्रीमती श्वाती जैन पत्नी अमित मेहता- पत्थर-महाराजपुरा गिर्द-2.937 है., श्रीमती प्रियंका जैन-पत्थर-पार-10.020 है., श्रीमती सरोज जैन पत्थर-पार-7.530 है., आदित्य जैन-पत्थर-पार-7.920, श्रीमती प्रीति जैन-पत्थर-पार-6.500 है., सतीश चन्द्र जैन-पत्थर-पार-10.086 है., मधु जैन -पत्थर-पार-11.295 है., रमेश चन्द्र जैन-पत्थर-रामपुर-23.729 है., श्रीमती आशा जैन-पत्थर-छौंड़ा-10.720 है., श्रीमती मधु जैन-पत्थर-छौंड़ा-6.310 है., रूपाली जैन पुत्री एस.सी.जैन-पत्थर-महाराजपुरा डांग-4.641 है. श्रीमती शालिनी जैन-पत्थर-पार-6.000 है., राजेश जैन-पत्थर-पार-5.000 है., रजत जैन पुत्र राजेश जैन- पत्थर-सिमरिया-6.032 है., अजय कुमार जैन-पत्थर-पार-2.000, श्रीमती मधु जैन-पत्थर-बहांगी खुर्द-7.649 है., श्रीमती रेशु जैन पत्नी अनिल कुमार जैन भिण्ड-पत्थर-जिगनिया-1.620 है., रमेश चन्द्र जैन-पत्थर-सुझार-3.340 है., अनिल कुमार पुत्र ज्ञानचन्द्र जैन-पत्थर-सुझार-6.52 है., श्रीमती रेशु जैन पत्नी अनिल कुमार जैन भिण्ड- पत्थर-लखनपुरा-2.00 हैक्टेयर, श्रीमती मधु जैन पत्नी अनिल कुमार जैन- पत्थर-जिंदपुरा-12.126 है., श्रीमती आशा जैन पत्थर-जिंदपुरा-11.062 है., श्रीमती मधु जैन-पत्थर-बंधौली-7.248 है., श्रीमती आशा जैन-पत्थर-महाराजपुरा डांग-2.000 है., श्रीमती रेशु जैन-पत्थर-महाराजपुरा डांग-2 है., राहुल जैन पुत्र सुरेश चन्द्र जैन- सुरेश नगर थाटीपुर-स्टोन क्रेशर-सोनी-3.289 है. श्रीमती साधना जैन-स्टोन क्रेशर-सोनी-3, एन.के.जैन-स्टोन क्रेशर-नयागांव-2 है., श्रीमती अनीमा जैन पत्नी राहुल जैन-स्टोन क्रेशर-नयागांव-2 है., पराग जैन सुरेश चन्द्र जैन मोहना-फर्सी पत्थर-सेकरा-2.102 है., रमेश चन्द्र जैन-पत्थर-नयागांव-2.250 है., अनिल कुमार जैन-पत्थर-बिलौआ-3.010 हैक्टेयर।

इनका कहना है

‘वर्ष 2016 में खदानों के लिए किए गए आवेदनों में से हमारी एक भी खदान स्वीकृत नहीं हो सकी है। हमने अभी इन आवेदनों की औपचारिकता पूरी नहीं की है। आवेदन तो कोई भी कहीं भी कर सकता है। जो सभी औपचारिकता पूरी करेगा, उसे खदान स्वीकृत होगी। ’

आर.सी.जैन
संचालक जे.जे.ग्रेनाइट

Updated : 12 Aug 2017 12:00 AM GMT
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