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स्वाइन फ्लू से पीड़ित के घर पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का दल

स्वाइन फ्लू से पीड़ित के घर पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का दल
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ग्वालियर। दिल्ली, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश के बाद ग्वालियर शहर में भी स्वाइन फ्लू ने दस्ताक दे दी है। समाधिया कॉलोनी निवासी एक 52 वर्षीय व्यक्ति को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है, जिसका उपचार दिल्ली में चल रहा है। इस कारण अब शहर में भी स्वाइन फ्लू (एच1, एन1) का खतरा मंडराने लगा है। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग का एक दल रविवार को मरीज के घर पहुंचा और परिवार के सदस्यों को दवा वितरण करने के साथ हिदायत भी दी कि वे घर से बाहर ज्यादा न निकलें।

जानकारी के अनुसार समाधिया कॉलोनी निवासी 52 वर्षीय सुरेन्द्र खण्डेलवाल को विगत दिनों बुखारा आया था, जिसका उपचार उन्होंने डॉ. राजीव खण्डेलवाल से लिया था। डॉ. खण्डेलवाल ने उन्हें स्वाइन फ्लू के लक्षण बताते हुए परिवार हॉस्पीटल में भर्ती करावा दिया था, लेकिन परिजन उन्हें विगत दिनों ही दिल्ली उपचार के लिए लेकर चले गए थे, जहां चिकित्सकों ने स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है। इसी के चलते रविवार को स्वाइन फ्लू के डिस्ट्रिक सर्विलेंस आॅफीसर डॉ. मनोज कौरव अपनी टीम के साथ समाधिया कॉलोनी स्थित सुरेन्द्र खण्डेलवाल के निवास पर पहुंचे और परिवार के सदस्यों सहित आसपास के घरों में भी परीक्षण किया। डॉ. कौरव ने बताया कि मरीज के घर में 10 सदस्य हैं, जिनमें से एक बच्चा भी है। इन सभी का परीक्षण कर बडेÞ लोगों को 75 एमजी एवं बच्चे को 30 एमजी की 10-10 टेबलेट दी गई हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षण के दौरान घर के दो सदस्यों को सर्दी व जुखाम भी था, इसलिए दोनों को हिदायत दी है कि वे पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें, साथ ही घर से बाहर कम से कम निकलें।

अस्पतालों में नहीं लगी स्वाइन फ्लू की वैक्सीन

शहर में जहां स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है वहीं मुरार जिला अस्पताल एवं जयारोग्य अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में कार्यरत कर्मचारियों को अभी तक स्वाइन फ्लू की वैक्सीन नहीं लगाई गई है। इस कारण अगर वार्ड में कोई मरीज भर्ती होता है तो वार्ड में मौजूद कर्मचारियों को भी स्वाइन फ्लू होने की संभाना बनी रहती है।

यह हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते हैं। बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खांसी आना, कमजोरी महसूस होना आदि लक्षण इस बीमारी के

दौरान उभरते हैं। ऐसे करें बचाव

इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खांसना और छींकना या ऐसे उपकरणों को स्पर्श करना, जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, उन्हें भी संक्रमित कर सकता है, जो संक्रमित नहीं है, वह भी दरवाजे का हैंडल, टेलीफोन का रिसीवर या टॉयलेट के नल को स्पर्श करने के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने भर सेसंक्रमित हो सकता है।

क्या है उपचार

संक्रमण के लक्षण प्रकट होने के दो दिन के अंदर ही एंटीवायरल ड्रग देना जरूरी होता है। इससे मरीज को राहत मिल जाती है तथा बीमारी की तीव्रता भी कम हो जाती है। तत्काल किसी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं, ताकि पैलिएटिव केयर शुरू हो जाए और तरल पदार्थों की आपूर्ति भी पार्याप्त मात्रा में होती रहे। अधिकांश मामलों में एंटीवायरल ड्रग तथा अस्पताल में भर्ती करने पर सफलता पूर्वक उपचार किया जा सकता है।

इनका कहना है

‘टीम मरीज के घर गई थी। परिवार के सदस्यों ने बताया है कि सुरेन्द्र खण्डेलवाल विगत 10 से 15 दिन पहले जम्मू कश्मीर व उत्तर प्रदेश भी गए थे, इसीलिए शयद उन्हें स्वाइन फ्लू हुआ है। परिवार के सदस्यों से यह भी कहा है कि अगर वह स्वाइन फ्लू की जांच कराना चाहते हैं तो जिला अस्पताल में आ सकते है।’

डॉ. मनोज कौरव
डिस्ट्रिक सर्विलेंस आॅफीसर
स्वाइन फ्लू

Updated : 14 Aug 2017 12:00 AM GMT
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