Home > Archived > कचरे में तब्दील हुईं गणेश प्रतिमाएं

कचरे में तब्दील हुईं गणेश प्रतिमाएं

कचरे में तब्दील हुईं गणेश प्रतिमाएं
X

विसर्जन के बाद कुंड के आसपास बिखरीं पीओपी की मूर्तियां

अशोकनगर, ब्यूरो। सात दिन तक जिन गणपति बप्पा को लोगों ने घरों में झांकी सजाकर पूजा-अर्चना की, विसर्जन के अगले दिन उनकी प्रतिमाएं विसर्जन कुंड के आसपास कचरे जैसी बिखरी दिखाई दीं। यह अपमान जनक स्थिति मूर्तियों के प्लास्टर ऑफ पेरिस मटेरियल से बने होने के कारण हुई है। शनिवार को डोल ग्यारस के अवसर पर शहर भर से हजारों छोटी-छोटी प्रतिमाओं को विसर्जन दिन भर नगर पालिक द्वारा बनाए गए कुंड में किया गया था। विसर्जन के दौरान लोगों ने लापरवाही करते हुए कुंड के किनारों पर ही कई प्रतिमाओं को रख छोड़ा। अगले ही दिन कुंड का पानी कम होने से अधगली प्रतिमाओं के ढेर कुंड के आसपास दिखाई देने लगे। कचरे जैसे फैले प्रतिमाओं के अवशेषों के बीच कई बच्चे भी कीचढ़ में से सिक्के बीनते दिखाई दिए।

प्रदूषण की वजह बन रहा पीओपी मटेरियल:
सुंदरता और भव्यता की चाहत ने हमें मिट्टी की जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं की तरफ मोड़ दिया है। गणेश और दुर्गा की इन प्रतिमाओं को तालाबों में विसर्जन किया जाता है। पीओपी से बनी प्रतिमाएं न सिर्फ जलीय जीव जंतुओं के लिए खतरा हैं बल्कि वातावरण भी दूषित करती हैं। पीओपी की मूर्तियां आसानी से नहीं घुलतीं तथा इसके अवशेष पानी के दूषित करते हैं। इनका प्रयोग निषेध करने के लिए सामाजिक संगठनों सहित अदालतों ने भी अपील की है, लेकिन सुंदर दिखने और आसानी से उपलब्ध होने के कारण इनकी स्थापना कर दी जाती है। नगर के तुलसी सरोवर तालाब को प्रदूषण से बचाने के लिए नपा ने इस बार तालाब से अलग कुंड का निर्माण कराया था। जिसमें प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। नपा के मुताबिक अनंत चर्तुदषी पर होने वाले विसर्जन के बाद कुंड की सफाई कराई जाएगी।

Updated : 4 Sep 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top